मैट्रिक परीक्षा में मिले 99 फीसदी नंबर, लेकिन नहीं लिख सके नाम; ऐसे पकड़ में आया फर्जीवाड़ा
पटनायक को भी संदेह हुआ क्योंकि आम तौर पर मैट्रिक में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार कभी भी ग्रामीण डाक सेवा के पद के लिए आवेदन नहीं करते हैं।

ओडिशा में 37 अभ्यर्थियों के पास डाक नौकरियों में फर्जी प्रमाण पत्र होने का मामला सामने आया है। दरअसल, इसकी शुरुआत एक उम्मीदवार से हुई, जोकि अंग्रेजी में अपना नाम सही ढंग से नहीं लिख सका। हालांकि मैट्रिक मार्कशीट तैयार हुई, उसमें दिखाया गया था कि उसने अंग्रेजी में 99 अंक हासिल किए हैं, जबकि बोलनगीर के अधीक्षक ने उससे पूछा तो दूसरा सरल अंग्रेजी शब्दों को सही ढंग से नहीं लिख सका। कई अन्य लोगों से भी जब पूछा गया जिनके नंबर 96-98 प्रतिशत के बीच थे, तो वे भी सही से उत्तर नहीं दे सके। अगर बुधवार को मार्कशीट की जांच के दौरान ये उम्मीदवार पकड़े नहीं गए होते तो ये आने वाले समय में ग्रामीण डाक सेवक-ब्रांच पोस्ट मास्टर, जीडीएस-असिस्ट ब्रांच पोस्ट मास्टर और जीडीएस-मेल कैरियर के रूप में नियुक्त किए जाते।
बोलंगीर डाक विभाग के अधीक्षक आरके पटनायक ने कहा, "मैट्रिक परीक्षा में 98-99 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले सभी 37 उम्मीदवारों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक बोर्ड वर्ष 2000 की मार्कशीट और प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। इन सभी के पास डॉ बीआर अंबेडकर इंटरमीडिएट कॉलेज, झांसी से प्रमाण पत्र थे। मार्कशीट और प्रमाण पत्र खराब गुणवत्ता वाले कागजात से बने हैं। लेकिन सरल अंग्रेजी शब्दों पर उनकी गड़बड़ी ने मुझे सतर्क कर दिया। जब मैंने एक लड़की से पूछताछ की, तो उसने कबूल किया कि उसने प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 50000 रुपये का भुगतान किया था।"
पटनायक को भी संदेह हुआ क्योंकि आम तौर पर मैट्रिक में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार कभी भी ग्रामीण डाक सेवा के पद के लिए आवेदन नहीं करते हैं। इसका वेतन शहरी क्षेत्रों में डाकघरों में काम करने वालों से कम होता है। इस बार उच्च अंक वाले उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। उन्होंने कहा, "वे भी 35-40 साल के आयु वर्ग में थे। हालांकि कभी-कभी मैट्रिक में 85-86 फीसदी अंक लाने वाले लोग उम्र में छोटे होते हैं और उनमें से कई कुछ महीनों के लिए काम करने के बाद चले जाते हैं।"
ओडिशा में इस साल विभिन्न डाक विभागों में जीडीएस की नौकरियों के लिए 1380 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि अधिकारियों ने फर्जी डाक का पता लगाया है या नहीं। अधीक्षक ने कहा कि उन्होंने जालसाजी के बारे में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है, लेकिन अभी दर्ज नहीं की गयी है। उन्होंने कहा, "मैंने एसडीपीओ से बात की, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।" बोलनगीर सदर एसडीपीओ तोफन बाग ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।