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बड़ा आर्थिक सुधारः जीएसटी को पीएम मोदी ने बताया ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’

एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्यरात्रि में घंटा बजाए जाने के साथ लागू हो गया। प्रधानमंत्री ने इस...

नई दिल्ली, एजेंसी Sat, 1 July 2017 12:26 PM
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एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्यरात्रि में घंटा बजाए जाने के साथ लागू हो गया। प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कर सुधार की तुलना आजादी से करते हुए कहा कि यह देश के आर्थिक एकीकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

संसद के केन्द्रीय कक्ष में हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जो कि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दायरे के लोगों द्वारा किया गया प्रयास है जिन्होंने दलगत राजनीति को परे रखते हुए राष्ट्र को आगे रखा। 

उन्होंने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता और बुद्धिमत्ता का सम्मान है। इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जीएसटी सभी राजनीति दलों के सामूहिक प्रयासों की देन है। उन्होंने कहा कि यह सभी राज्यों एवं केंद्र के वर्षों तक चले विचार विमर्श का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सहकारी संवाद का एक बेहतर उदाहरण है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल ने विभिन्न रियासतों को मिलाकर भारत का एकीकरण संभव कराया था, उसी प्रकार जीएसटी के कारण देश का आथर्कि एकीकरण होगा। उन्होने कहा कि इसमें शुरूआत में थोड़ी दिक्कत आ सकती है लेकिन इसके कारण सभी वगोर्ं के लोगों को लाभ मिलेगा।

मोदी ने देश के व्यापारी वर्ग से अपील की कि जीएसटी लागू होने से उन्हें जो लाभ होता है उसका फायदा वे गरीब तबके के लोगों तक पहुंचाएं। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जीएसटी लागू होने की लंबी यात्रा का उल्लेख करते हुए इसमें शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी लागू होने से दीर्घकाल में महंगाई पर लगाम लगेगी और कर वंचना कम होगी।

संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका है जब मध्य रात्रि के समय कोई कार्यक्रम हुआ। 14 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे।

मध्यरात्रि में जीएसटी लागू होने की घोषणा से कुछ समय पहले जीएसटी परिषद की बैठक हुई। जीएसटी परिषद इस महत्वपूर्ण कर सुधार के मामले में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई है। यह परिषद की 18वीं बैठक थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस बैठक में कुछ देर के लिये भाग लिया। जीएसटी परिषद ने अपनी 18 बैठकों में जीएसटी के तमाम नियमों और दरों पर निर्णय लिये। परिषद ने जीएसटी व्यवस्था के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार दरों को अंतिम रूप दिया। बाद में विभिन्न वस्तुओं के लिये इन दरों को तय किया गया। 

सरकार का दावा है कि जीएसटी से आम उपभोग की वस्तुऐं महंगी नहीं होंगी। आम उपभोग की तमाम वस्तुओं को शून्य कर दायरे में रखा गया है। खुला खाद्य अनाज, ताजी सब्जियां, बिना माकार् वाला आटा, मैदा, बेसन, गुड़, दूध, अंडे, दही, लस्सी, खुला पनीर, बिना माकार् वाला प्राकतिक शहद, खजूर का गुड़, नमक, काजल, फूल भरी झाडू, बच्चों की ड्राइंग और रंग की किताबें,  शिक्षा सेवायें और स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। इन्हें शून्य कर वर्ग में रखा गया है।

दूसरी तरफ चीनी, चायपत्ती, काफी के भुने दाने, खाद्य तेल, स्किम्ड दूध पाउडर, शिशुओं के लिये दूध आहार, पैक्ड पनीर, काजू, किशमिश, राशन में बिकने वाला मिटटी का तेल, रेलू एलपीजी, 500 रपये तक के चप्पल9जूते, 1,000 रपये तक के कपड़े, अगरबत्ती और कयर चटाई पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जायेगा। 

मक्खन, घी, बादाम, फलों का जूस, पैक नारियल पानी, सब्जियों, फलों, मेवे एवं पौधों के अन्य भागों से निर्मित खाद्य पदार्थ जिसमें अचार, मुरब्बा, चटनी, जैम और जैली शामिल है, छाता, मोबाइल को 12 प्रतिशत जीएसटी की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा बालों के तेल, टूथपेस्ट, साबुन, पास्ता, कॉर्न फ्लैक्स, सूप, आइसक्रीम, कंप्यूटर, प्रिंटर सहित कुछ अन्य वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेंगा। 

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