COVID-19: लॉकडाउन से निर्मल होने लगीं नदियां, घटा वायु प्रदूषण
कोरोना वायरस से फैली महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से देश की आबोहवा बदल रही है। इस दौरान, प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। पर्यावरणविदों के अनुसार, 22 मार्च के बाद...

कोरोना वायरस से फैली महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से देश की आबोहवा बदल रही है। इस दौरान, प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। पर्यावरणविदों के अनुसार, 22 मार्च के बाद से मेरठ सहित वेस्ट यूपी से होकर गुजरने वाली गंगा समेत अन्य नदियों के प्रदूषण में कमी आई है।
पर्यावरणविद् गिरीश शुक्ला, डॉ. यशवंत राय, नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट अध्यक्ष प्रियांक भारती आदि का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से गंगा को प्रदूषित करने वाली इंडस्ट्री बंद हैं। मेरठ, बागपत, बिजनौर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर जैसे वेस्ट यूपी के शहरों में औद्योगिक कचरे को नदियों में फेंका जाता है। फिलहाल, औद्योगिक इकाइयों का कचरा नहीं गिरने से अब गंगा निर्मल हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अभी जो गंगा नदी की गुणवत्ता है उसे नहाने के साथ ही वन्यजीव और मत्स्य पालन के फिट बताया है।
अभी और सुधार का अनुमान
डीएफओ अदिति शर्मा का कहना है कि इंडस्ट्री बंद होने से प्रदूषण कम हो रहा है। लोगों की आवाजाही भी बंद है। बताया कि गंगा की सहायक नदियों जैसे कि हिंडन और यमुना में भी पानी की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। अदिति शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन की अवधि के आने वाले दिनों में गंगा के पानी की गुणवत्ता में और भी सुधार होने की संभावना है। अलीगढ़ और इलाहाबाद के बीच देखना होगा, नरौरा तक गंगा में कोई वैसे भी दिक्कत नहीं है। हालांकि, नदियों के पानी की गुणवत्ता में सुधार के बारे में सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं किया गया है।