रक्षा वैज्ञानिक बनने वालों के लिए सुनहरा मौका, DRDO कराएगा 500 पीएचडी
डीआरडीओ रक्षा क्षेत्र में 500 पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। अभी सिर्फ सालाना 40 पीएचडी रक्षा से जुड़े मुद्दों पर होती हैं। इसे देश में रक्षा संबंधी अनुसंधान की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा।
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जो लोग रक्षा क्षेत्र में वैज्ञानिक बनकर अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए एक अच्छी खबर है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) रक्षा क्षेत्र में 500 पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। अभी सिर्फ सालाना 40 पीएचडी रक्षा से जुड़े मुद्दों पर होती हैं। इसे देश में रक्षा संबंधी अनुसंधान को तेज करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सरकार की कोशिश है कि ज्यादातर रक्षा तकनीकों का विकास देश में ही किया जाए।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, हाल में डीआरडीओ की तरफ से इस बाबत संसदीय समिति को यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि देश में रक्षा से जुड़े अनुसंधानों को बढ़ाने के लिए पीएचडी की संख्या को पांच सौ तक किया जाएगा। ये पीएचडी आईआईटी, अपनी प्रयोगशालाओं, विश्वविद्यालयों तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुरू की जाएंगी।
समिति को यह भी बताया गया कि एमटेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजीज कोर्स की शुरुआत 2021 में की गई है। अब तक 42 कॉलेजों में यह कोर्स शुरू हो चुका है तथा और कॉलेजों में शुरू कराने की कोशिश जारी है। डिफेंस टेक्नोलॉजीज में एमटेक करने वाले छात्रों को डिफेंस में पीएचडी करने के लिए भी प्रत्साहित किया जाएगा।
बता दें कि देश में हर साल औसतन पांच हजार छात्र पीएचडी करते हैं लेकिन उनमें रक्षा जैसे विषयों पर पीएचडी की संख्या बेहद कम होती है। इसकी वजह संस्थानों में आवश्यक संसाधनों की कमी होना है।
डीआरडीओ के वैज्ञानिक बनेंगे प्रोफेसर
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में डिफेंस से जुड़े कोर्स और पीएचडी शुरू करने के साथ ही डीआरडीओ के सेवानिवृत्त वैज्ञानिकों को वहां बतौर प्रोफेसर नियुक्त किया जाएगा। इन लोगों के पास रक्षा क्षेत्र के लंबे अनुभव होते हैं, जो छात्रों के काम आएंगे।