Goa government will go to high court against Tarun Tejpal acquitted in rape case रेप केस में बरी हुए तरुण तेजपाल के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगी गोवा सरकार, 2013 में सहकर्मी ने लगाए थे आरोप, India News in Hindi - Hindustan
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रेप केस में बरी हुए तरुण तेजपाल के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगी गोवा सरकार, 2013 में सहकर्मी ने लगाए थे आरोप

गोवा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह 2013 के यौन उत्पीड़न मामले में तरुण तेजपाल को बरी किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। गोवा के एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को तहलका के पूर्व प्रधान...

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्ली।Fri, 21 May 2021 01:53 PM
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रेप केस में बरी हुए तरुण तेजपाल के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगी गोवा सरकार, 2013 में सहकर्मी ने लगाए थे आरोप

गोवा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह 2013 के यौन उत्पीड़न मामले में तरुण तेजपाल को बरी किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। गोवा के एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को तहलका के पूर्व प्रधान संपादक को बरी कर दिया, जिस पर पत्रिका द्वारा आयोजित थिंकफेस्ट कार्यक्रम के दौरान 2013 में गोवा में एक लक्जरी होटल के लिफ्ट के अंदर एक पूर्व महिला सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाया गया था।

इससे पहले, अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था। 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था और फिर 19 मई को इसे 21 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। गोवा पुलिस ने नवम्बर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तेजपाल मई 2014 से जमानत पर हैं। इस मामले में गोवा पुलिस की अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया।

तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले में उन पर आरोप निर्धारित किये जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उन्हें इसमे सफलता नहीं मिली थी।

तेजपाल के वकील सुहास वेलिप ने अदालत के बाहर मौजूद मीडियाकर्मियों से कहा, "यह सभी के लिए एक जीत है। विशेष रूप से एडव राजीव गोम्स, उनके सहयोगियों और तरुण तेजपाल के लिए। यह मेरे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव गोम्स की कड़ी मेहनत और प्रयासों के कारण भी विशेष है। उन्हें सभी वर्गों से बरी कर दिया गया है।“ तेजपाल के वकील राजीव गोम्स का पिछले सप्ताह कोविड-19 के कारण निधन हो गया था।

पूर्व पत्रकार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार के लिए सजा), 354A (यौन उत्पीड़न), 354B (एक महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 342 (गलत कारावास) का आरोप लगाया गया था।

तेजपाल ने अपने बरी होने के बाद एक संक्षिप्त बयान में कहा, "नवंबर 2013 में, एक सहकर्मी द्वारा मुझ पर यौन उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाया गया था। आज गोवा में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्षमा जोशी की माननीय निचली अदालत ने मुझे सम्मानपूर्वक बरी कर दिया है। एक बेहद खराब उम्र में, जहां साधारण साहस दुर्लभ हो गया है, मैं सच्चाई से खड़े होने के लिए उनका धन्यवाद करता हूं।" 

तेजपाल ने आगे कहा, "एक परिवार के रूप में हम पर राजीव गोम्स का गहरा और स्थायी कर्ज है। और हम उनकी पत्नी चेरिल और उनके छोटे बेटे शॉन के साथ उनके निधन के लिए शोक व्यक्त करते हैं। कोई भी मुवक्किल राजीव से बेहतर वकील की उम्मीद नहीं कर सकता।“

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