ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशकटक हाईकोर्ट में रसगुल्ला पर दावे के लिए दायर हुई याचिका

कटक हाईकोर्ट में रसगुल्ला पर दावे के लिए दायर हुई याचिका

रसगुल्ला पर हक जताने के लिए दो राज्यों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ओडिशा हाईकोर्ट में रसगुल्ला को दिए गए जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग को चुनौती देने वाली एक याचिका दाखिल की गई है। अदालत...

कटक हाईकोर्ट में रसगुल्ला पर दावे के लिए दायर हुई याचिका
एजेंसी,कटकThu, 10 May 2018 04:57 PM
ऐप पर पढ़ें

रसगुल्ला पर हक जताने के लिए दो राज्यों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ओडिशा हाईकोर्ट में रसगुल्ला को दिए गए जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग को चुनौती देने वाली एक याचिका दाखिल की गई है। अदालत ने भी देर न करते हुए चेन्नई स्थित इंटिलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑफिस, वेस्ट बंगाल साइंस एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल, ओडिशा सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को नोटिस जारी कर दिया है।

अदालत ने संबंधित पक्षों से चार हफ्तों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस बी आर सारंगी की खंडपीठ ने बुधवार को यह नाटिस जारी किया। पुण्य उत्कल ट्रस्ट और खुर्दा जिले के संतोष कुमार साहू ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि वह अधिकारियों को पश्चिम बंगाल को मिले 'रसगुल्ले का जीआई टैग वापस लेने का निर्देश दे।

याचिका में दावा किया गया है कि चेन्नई के बौद्धिक संपदा कार्यालय के ट्रेडमार्क और जीआई सहायक पंजीयक ने पिछले साल गलत रूप से यह निष्कर्ष दिया था कि इस मिठाई की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल से हुई है। याचिका में दावा किया गया है कि पनीर से बनी इस मिठाई की उत्पत्ति ओडिशा से हुई और इसका संबंध राज्य की जगन्नाथ संस्कृति से है।

याचिका में कहा गया है, 'करीब 400 साल से हर दिन पुरी के त्रिदेव को रसगुल्ला प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है। यहां तक कि भगवान जगन्नाथ हर साल रथ यात्रा की नीलाद्री बीजे के दौरान क्रोधित देवी लक्ष्मी को शांत करने के लिए इस स्वादिष्ट मिठाई की मदद लेते हैं। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि ओडिशा सरकार ने अपने शांत रवैये के चलते 'रसगुल्ला का जीआई पंजीकरण हासिल करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें