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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद बोले, किसी युवा मुस्लिम नेता के लिए PM बनने का सपना देखना मुश्किल

राज्यसभा से हाल ही में रिटायर होने वाले कांग्रेस लीडर गुलाम नबी आजाद का कहना है कि किसी युवा मुस्लिम नेता के लिए पीएम बनने का सपना देखना मुश्किल है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं निकट भविष्य की ही बात...

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद बोले, किसी युवा मुस्लिम नेता के लिए PM बनने का सपना देखना मुश्किल
हिन्दुस्तान ,नई दिल्लीFri, 12 Feb 2021 11:11 AM
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राज्यसभा से हाल ही में रिटायर होने वाले कांग्रेस लीडर गुलाम नबी आजाद का कहना है कि किसी युवा मुस्लिम नेता के लिए पीएम बनने का सपना देखना मुश्किल है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं निकट भविष्य की ही बात नहीं कर रहा हूं बल्कि आने वाले कुछ दशकों तक ऐसी ही स्थिति रह सकती है। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि किसी युवा मुस्लिम नेता के लिए ऐसी महत्वाकांक्षा रखना बेहद मुश्किल है। इससे पहले मंगलवार को राज्यसभा में अपने विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि उन्हें भारतीय मुसलमान होने पर गर्व होता है। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि मैं ऐसे कुछ खुशनसीब नेताओं में से हूं, जो कभी पाकिस्तान नहीं गया।

उन्होंने कहा था कि मैं जब पाकिस्तान के बारे में खबरें पढ़ता हूं तो हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व होता है। किसी मुस्लिम नेता के पीएम बनने की महत्वाकांक्षा को मुश्किल बताने वाले गुलाम नबी आजाद ने 2018 में एएमयू में एक कार्यक्रम में कहा था कि उनकी ही पार्टी के हिंदू नेता अब उन्हें प्रचार में बुलाने से हिचकते हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि कांग्रेस के ऐसे बहुत कम हिंदू प्रत्याशी हैं, जो उन्हें प्रचार के लिए बुलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि मुझे चुनाव प्रचार के लिए बुलाने वाले हिंदू प्रत्याशियों की संख्या में तेजी से कमी आई है। उन्होंने कहा था कि इसकी वजह यह है कि लोगों को लगता है कि मेरे जाने से उनके समर्थन में कमी आ जाएगी।

BJP में उस दिन शामिल होऊंगा, जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ पड़ेगी: गुलाम नबी आजाद

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि देश का माहौल काफी खराब हो गया है। उन्होंने कहा था, 'पहले 99 फीसदी हिंदू कैंडिडेट मुझे मुस्लिम वोटों को पाने के मकसद से चुनाव प्रचार में बुलाते थे। अब यह आंकड़ा 40 फीसदी ही रह गया है क्योंकि उन्हें मेरे जाने से हिंदू वोटों के खोने का डर है।'

गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि मैंने महाराष्ट्र में आम चुनाव 1979 में लड़ा था और मेरे सामने जनता पार्टी का हिंदू प्रत्याशी था और संसदीय क्षेत्र की आबादी भी 95 फीसदी हिंदू थी। इसके बाद भी मुझे जीत मिली थी। अब ऐसा माहौल नहीं है। यही नहीं गुलाम नबी आजाद ने बीजेपी के प्रति नरम रुख अपनाने के आरोपों को लेकर भी सख्ती से बात करते हुए कहा कि वह भगवा पार्टी में तब शामिल होंगे, जब कश्मीर में काली बर्फ पड़ने लगेगी। 

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