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वो लौटने का वादा पूरा नहीं कर सके, फिर भी गर्व है... बोलीं गलवान में शहीद जवान के. पलानी की पत्नी

लद्दाख के पास गलवान घाटी में बीते साल चीनी सैनिकों से झड़प में शहीद हुए हवलदार के. पलानि की पत्नी को आज भी उनके उस वादे का इंतजार है, जब वह घर वापस लौटने की बात कह गए थे। वह कहती हैं कि आज भी मुझे...

वो लौटने का वादा पूरा नहीं कर सके, फिर भी गर्व है... बोलीं गलवान में शहीद जवान के. पलानी की पत्नी
पीटीआई ,चेन्नैTue, 15 Jun 2021 05:19 PM
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लद्दाख के पास गलवान घाटी में बीते साल चीनी सैनिकों से झड़प में शहीद हुए हवलदार के. पलानि की पत्नी को आज भी उनके उस वादे का इंतजार है, जब वह घर वापस लौटने की बात कह गए थे। वह कहती हैं कि आज भी मुझे उनकी बात यह याद आती है, लेकिन मेरे उस दुख से ज्यादा मुझे उनकी शहादत पर गर्व है। के. पलानि की पत्नी वनथि देवी ने गलवान घाटी में हुई झड़प के एक साल पूरे होने के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि मेरे पति ही नहीं बल्कि जंग के उस कठिन मैदान में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी सैनिकों पर उन्हें गर्व है। 

उन्होंने मंगलवार को कहा कि एक साल होने के बाद भी हम उबर नहीं पाए हैं। उनका जाना मेरे और दो बच्चों के लिए निजी नुकसान है। लेकिन भारत के लिए दिया गया उनका बलिदान हमें गर्व की अनुभूति प्रदान करता है। आखिरी बार पति से हुई बात को याद करते हुए वह बेहद भावुक हो गईं। वनाथि ने कहा कि उनसे जब मेरी आखिरी बार बात हुई तो उन्होंने कहा कि मेरे रिटायरमेंट के पेपर आगे बढ़ गए हैं और मैं कुछ ही सप्ताह में घर आने वाला हूं। इसके अलावा उन्होंने हमें नए घर के गृह प्रवेश का कार्यक्रम करने को भी कहा था, जो हमने पिछले साल 3 जून को किया था। पर वह घर वापस नहीं आ सके। 

कहा- पूरा नहीं हो पाया, नए घर में हमारा साथ रहने का सपना
वनाथि ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि 6 जून को हम शादी  की सालगिरह पर साथ होंगे। यह नहीं हो पाया और फिर 15 जून को हमें उनकी शहादत की खबर मिली। वनाथि ने कहा कि हमारा यह सपना पूरा नहीं हो सका। हमने सपना देखा था कि अपने नए घर में हम नए ढंग से जिंदगी बसर करेंगे। एक सैनिक की जिंदगी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि उनकी जिंदगी आसान होगी, लेकिन ऐसा नहीं है। एक तरफ सीमा पर दुश्मन देश का खतरा होता है और दूसरी तरफ गलवान जैसे कठिन इलाकों में तैनाती के चलते तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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