तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की बेहद करीबी रहीं वीके शशिकला ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान करके सभी को चौंका दिया है। उन्होंने एआईएडीएमके काडर को एकजुट रहने के लिए कहा है।शशिकला हाल ही में चार साल की जेल की सजा काटकर वापस लौटी थीं, जिसके बाद उन्होंने राजनीति में फिर से वापसी की बात कही थी। पूर्व सीएम जयललिता के निधन के बाद से शशिकला नटराजन तमिलनाडु की राजनीति में सबसे दमदार महिला नेता मानी जाती रही हैं। शशिकला और जयललिता के बीच कई सालों तक बेहद करीबी दोस्ती रही।
शशिकला को जयललिता की परछाईं तक कहा जाता रहा। जब दिसंबर 2016 में जयललिता का निधन हुआ तो शशिकला को एआईएडीएमके का महासचिव बनाया गया था। बाद में उन्हें राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा रहा था, जिसके लिए उन्हें विधायक दल का नेता भी चुन लिया गया। हालांकि, कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की जेल की सजा सुना दी। इसके बाद, शशिकला को जेल जाना पड़ा। इसी साल जनवरी में वह सजा काटकर वापस लौटीं। जेल से सालों बाद छूटीं शशिकला के आसपास हजारों समर्थकों की भीड़ थी। साथ में कई गाड़ियों का काफिला था। समर्थकों के बीच इतना लगाव देखकर अंदाजा लगाया जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में काफी अहम योगदान निभा सकती हैं।
एआईएडीएमके ने शशिकला को कर दिया था बाहर
आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल जाने के बाद साल 2017 में उन्हें एआईएडीएमके से बाहर कर दिया गया। पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम ने अन्नद्रमुक के अपने-अपने धड़ों का विलय करते हुए शशिकला और उनके भांजे टीटीवी दिनाकरण सहित अन्य लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं, इसके बाद भी हर बार एआईएडीएमके शशिकला को फिर से पार्टी में रखने की अटकलों को खारिज करता रहा। जब वे जेल से छूटीं तो पार्टी ने कहा कि उनकी रिहाई से कोई असर नहीं पड़ेगा। पार्टी ने के पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक की ओर से अगले चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
80 के दशक में हुई जयललिता से मुलाकात
दक्षिण की राजनीति में जयललिता और शशिकला की आपसी करीबी किसी से छिपी हुई नहीं थी। दोनों की पहली बार मुलाकात 1980 के दशक में हुई थी। तब शशिकला पार्टी की प्रचार संबंधी कामकाज को देखती थीं। हालांकि, बाद में दोनों के बीच रिश्तों में खटास भी आई और साल 2011 में शशिकला पर जयललिता को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश करने का आरोप लगा। कहा जा रहा था कि शशिकला अपने पति को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहती थीं, जिसकी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया। गंभीर आरोपों के बाद शशिकला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, लेकिन बाद में वे फिर से वापसी हो गई।
चेन्नई से 330 किलोमीटर दूर हुआ था जन्म
शशिकला का जन्म चेन्नई से 330 किलोमीटर दूर तमिलनाडु के तंजौर जिले के थिरुथुरईपूंडी में साल 1957 में हुआ था। उनकी मां का नाम कृष्णावेणी और पिता नाम विवेकानंदन है। शशिकला की शादी तमिलनाडु सरकार में पीआरओ रहे नटराजन केसाथ हुई। जयललिता से दोस्ती होने से पहले शशिकला फोटोग्राफी का स्टूडियो चलाती थीं। वहीं, शशिकला तमिलनाडु में चिनम्मा (मौसी ) के नाम से जानी जाती है। माना जा रहा था कि एआईडीएमके से अलग हुए धड़े एएमएमके के लिए अगर शशिकला आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करती हैं तो फिर एआईएडीएमके को सियासी नुकसान हो सकता है, क्योंकि एआईएडीएमके में शशिकला समर्थकों की तादाद अच्छी-खासी है। हालांकि, राजनीति से संन्यास लेने के बाद चुनावों से जुड़ीं इन तमाम अटकलों पर विराम लग गया है।