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झटकाः राम रहीम की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, ड्राईवर खट्टा सिंह की फिर होगी गवाही

सुप्रीम कोर्ट से साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका का खारिज कर दिया...

झटकाः राम रहीम की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, ड्राईवर खट्टा सिंह की फिर होगी गवाही
चंडीगढ़,नई दिल्ली। हिटीSat, 05 May 2018 07:53 AM
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सुप्रीम कोर्ट से साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका का खारिज कर दिया है।

डेरा प्रमुख ने अपने पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की अपील पर फिर से जांच शुरू करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है। इस याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 7 मई को सुनवाई होगी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दोहरे हत्याकांड मामले में खट्टा सिंह की गवाही को लेकर आदेश दिया था कि दोनों ही मामलों में राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की फिर से गवाही होगी। 

खट्टा सिंह ने सीबीआई कोर्ट में एक बार फिर से गवाही देने की याचिका लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद सीबीआई कोर्ट के फैसले को खट्टा सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। खट्टा सिंह का कहना है कि राम रहीम के दबाव की वजह से खुलकर गवाही नहीं दे सका था लेकिन अब राम रहीम जेल में बंद है तो वह फिर से गवाही देना चाहता है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि दोनों ही मामलों में राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की फिर से गवाही होगी। 

रणजीत सिंह मर्डर केस
दस जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत का मर्डर हुआ था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम खत अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी।

रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस
छत्रपति अपने अखबार ‘पूरा सच’ में अक्सर डेरा सच्चा सौदा में हो रहे अन्याय और अत्याचार के बारे में लिखा करते थे। इस अखबार ने ही साध्वी का वो खत छापा था जिसमें सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन उत्पीड़न की बात लिखी गई थी। उन्हें 24 अक्तूबर 2002 में गोली मार दी गई थी। हत्या के पीछे राम रहीम को बताया गया। रामचंद्र छत्रपति को पांच गोलियां मारी गई थी, जिसके बाद 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।

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