साइबर जालसाजी के मामले आए दिन होते रहते हैं, लेकिन फिशिंग का यह मामला जरा हटके है। एनडीटीवी (NDTV) की पूर्व एंकर निधि राजदान ने ट्विटर पर बताया है कि वह फिशिंग की शिकार हुई हैं और उनके पास हार्वर्ड से कोई ऑफर आया ही नहीं था।
गौरतलब है कि पिछले साल निधि राजदान ने सोशल मीडिया पर ही बताया था कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर की जॉब का ऑफर आया है और वह NDTV की नौकरी छोड़कर इस असाइनमेंट को ले रही हैं। हालांकि, अब पता चला है कि ऐसा कोई ऑफर उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से आया ही नहीं था बल्कि वह फिशिंग की शिकार हुई हैं। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है और ईमेल के जरिए हुए कम्युनिकेशन की डीटेल्स पुलिस के साथ-साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन को जांच के लिए सौंपी है।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
ट्वीट में निधि ने लिखा है, ' जनू 2020 में मैंने यह कहते हुए 21 सालों की एनडीटीवी की नौकरी छोड़ी कि मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में जॉइन करने जा रही हूं। मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी। मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेस जनवरी 2021 में शुरू होंगी। '
Some personal and professional news: after 21 years at NDTV, I am changing direction and moving on. Later this year, I start as an Associate Professor teaching journalism as part of Harvard University’s Faculty of Arts and Sciences 1/n
— Nidhi Razdan (@Nidhi) June 13, 2020
निधि ने पोस्ट में आगे लिखा है, 'लगातार हो रहे देर के बीच मेरे नोटिस में कई सारी प्रक्रियागत विसंगतियां आईं। शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब न्यू नॉर्मल हैं पर हाल ही में जो कुछ हुआ वो ज्यादा परेशान करने वाला था। इसके बाद मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा और उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे।"
NDTV की पूर्व एंकर ने लिखा है, 'यूनिवर्सिटी का पक्ष जानने के बाद मुझे पता चला कि मैं एक काफी सफिस्टकेटिड फिशिंग की शिकार हुई हूं और दरअसल मेरे पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर आया ही नहीं था। मैंने पुलिस से इस संबंध में शिकायत की है और सभी संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए हैं। मैंने पुलिस से आग्रह किया है कि यह फ्रॉड करने वालों की जल्द से जल्द पहचान की जाए। इसके साथ ही मैंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से भी अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें।'