भारत-चीन के बीच फिर हुई कूटनीतिक वार्ता, जल्द लंबित मुद्दों के निपटारे पर बनी सहमति
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध लंबा खींचता जा रहा है। कई जगहों पर चीनी सेना के पूर्ववर्ती जगहों पर जाने के बावजूद कुछ जगहों पर वह अभी तक पीछे नहीं हटी है। इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय...

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध लंबा खींचता जा रहा है। कई जगहों पर चीनी सेना के पूर्ववर्ती जगहों पर जाने के बावजूद कुछ जगहों पर वह अभी तक पीछे नहीं हटी है। इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारत और चीन लंबित मुद्दों को जल्द निपटारे पर तैयार हैं। भारत और चीन के बीच राजनयिक वार्ताओं को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वेस्टर्न सेक्टर में भारत और चीन ने सैनिकों के पूर्ण रूप से पीछे हटाने की दिशा में ईमानदारी से काम करने की पुष्टि की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, "उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि विदेश मंत्रियों के बीच हुए समझौते के तहत वेस्टर्न सेक्टर में पूर्ण रूप से सैनिकों के हटाने की दिशा में लगातार काम करते रहेंगे। वे मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत लंबित मुद्दों के जल्द निपटारे पर भी सहमत हुए।"
उन्होंने कहा, "आज 18वीं भारत-चीन वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑपरेशन (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक हुई। सीमाई इलाकों में बनी मौजूदा स्थिति को लेकर दोनों पक्षों के बीच स्पष्ट और गहन बातचीत हुई।"
They reaffirmed that in accordance with agreements reached b/w foreign ministers, the sides will continue to work towards complete disengagement along LAC in western sector. They agreed to resolve outstanding issues expeditiously, according to existing agreements, protocols: MEA https://t.co/CRXtIXpB4B
— ANI (@ANI) August 20, 2020
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, दोनों पक्षों (भारत और चीन) के बीच यह समझौता हुआ था कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति, शांति की बहाली आवश्यक होगी। वे डब्लूएमसीसी की बैठकों सहित चल रही बातचीत को जारी रखने पर भी सहमत हुए।
WMCC की सत्रहवीं बैठक पिछले महीने आयोजित की गई थी, जिसमें दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ सैनिक जल्द से जल्द और पूर्ण रूप से पीछे हट जाएंगे। द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से पलायन बढ़ेगा। आपको बता दें कि द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू समग्र विकास के लिए शांति और शांति की पूर्ण बहाली आवश्यक थी।
WMCC की वार्ता दोनों पक्षों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की अध्यक्षता में होती है। चीन ने कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के बाद फिंगर एरिया, डेपसांग के मैदानों और गोगरा में सैनिकों को पीछे नहीं हटाया है। चीनी सैनिक अब तीन महीनों से फिंगर क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं और यहां तक कि बंकरों के निर्माण के साथ अपने ठिकानों को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है। भारत की तरफ से लगातार यह कहा जा रहा है कि वह उम्मीद करता है कि चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ सैनिकों को पूर्ण रूप से पीछे हटाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति की पूर्ण बहाली के साथ-साथ डी-एस्केलेशन के लिए ईमानदारी से काम करेगा।