राजस्थान (Rajasthan) में श्रीगंगानगर के सेशन कोर्ट ने कर्मचारी की बकाया सैलरी का भुगतान नहीं करने पर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ऑफिस की जीप, कुर्सी तथा अन्य सरकारी सामान कुर्क करने के आदेश दिए गए है।
सेशन न्यायालय के नाजिर अनिल गोदारा ने बताया कि शहर की पुरानी आबादी निवासी ओमप्रकाश नायक द्वारा श्रम न्यायालय में दायर परिवाद में कहा कि उसने 19 जून 1984 से एक नवम्बर 1986 तक दैनिक मजदूरी पर श्रमिक के रूप में काम किया था। इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कायार्लय ने उसकी अकारण सेवाएं समाप्त कर दी थी।
गोयल के पिटारे से मिडिल क्लास, किसानों और श्रमिकों को जानें क्या मिला
परिवादी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए न्यायालय की शरण ली। कोर्ट ने 31 जनवरी 2012 को नायक को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मानते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उसका 20 अक्टूबर 1986 से अब तक बकाया वेतन, अन्य परिलाभ एवं साढ़े सात प्रतिशत ब्याज सहित 23 लाख 27 हजार 639 रुपए चुकाने के आदेश दिए।
विभाग ने यह राशि भुगतान करने की बजाय राजस्थान हाईकोर्ट में इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की जिसे हाईकोर्ट ने खारीज कर दी। प्रार्थी ने कोर्ट में दायर याचिका खारिज होने के बावजूद राशि नहीं देने पर याचिका दायर की।
खुशखबरी: JRF, SRF का स्टाइपेंड बढ़ा, जानें अब कितनी मिलेगी राशि
इसके बाद श्रम न्यायालय ने 28 सितम्बर 2018 और 17 जनवरी 2019 को भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सरकारी सामान को कुर्क के आदेश किए लेकिन पालना नहीं हुई। इसके बाद सेशन न्यायालय ने जीप, कुर्सी, अलमारी, मेज, चार पंखें, दो एसी, तीन सोफासेट, दस अलमारी आदि सरकारी सामान कुर्क कर बकाया राशि चुकाने के आदेश जारी कर दिए।