सरकार से नहीं मिली मदद तो मिडिल-ईस्ट में फंसे गोवा के लोगों ने खुद की चार्टर फ्लाइट की व्यवस्था
विदेश खासकर मध्य-पूर्वी देशों में फंसे हुए गोवा के लोगों ने भारत वापसी के लिए अब खुद की चार्टर फ्लाइट की व्यवस्था करने का फैसला किया है। इन्होंने महीनों तक भारत सरकार की तरफ से रेस्क्यू का...
विदेश खासकर मध्य-पूर्वी देशों में फंसे हुए गोवा के लोगों ने भारत वापसी के लिए अब खुद की चार्टर फ्लाइट की व्यवस्था करने का फैसला किया है। इन्होंने महीनों तक भारत सरकार की तरफ से रेस्क्यू का इंतजार किया। किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिलने के बाग अब उन्होंने अपने दम पर चार्टर फ्लाइट की व्यवस्था करने का फैसला किया है।
अभी तक शारजाह, दुबई और कुवैत से तीन उड़ानें गोवा लैंड कर चुकी है। इन तीन स्पेशल फ्लाइट्स में अभी तक कुल 517 भारतीय गोवा वापस आ चुके हैं। इसके अलावा 7-8 उड़ानों के गोवा में लैंड करने की संभावना है, जिनके जरिए लगभग 1000 लोग अपने घर वापस आएंगे।
कतर में काम करने वाले जॉन डी सा ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “यहां के लोग घर वापस जाने के लिए कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं। इनमें अधिकांश लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं। उन्हें अब यहां रहने में परेशानी हो रही है। हम शुरू में सरकार को याचिका दे रहे थे और यहां तक कि भारतीय दूतावास,और गोवा सरकार की वेबसाइट को घर वापस जाने के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया।'
बार-बार अनुरोधों के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद जॉन के साथ-साथ सावन नाइक, टीना फर्नांडिस जैसे कई अन्य लोगों ने मिलकर गोवा आने के लिए खुद फ्लाइट की व्यवस्था करने का फैसला किया। ये सभी 8 जुलाई को इंडिगो की चार्टर फ्लाइट से गोवा लैंड करने वाले हैं।
सेबी नोरोन्हा, कार्मो सैंटोस और कुवैत के कुछ अन्य लोगों की भी कहानी ऐसी ही है, जिन्होंने दोस्तों और परिचितों की मदद से कुवैत से गोवा तक के लिए इंडिगो चार्टर उड़ान की व्यवस्था की। यह फ्लाइट 26 जून को 161 यात्रियों को लेकर गोवा लैंड की। नोरोन्हा ने कहा, 'हमने देखा कि सभी अन्य राज्यों के लिए उड़ान की व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन गोवा के लिए नहीं। इसलिए हमने इसकी व्यवस्था करने का फैसला किया।'
वेलेनसियो रोड्रिग्स ने निष्क्रियता के लिए गोवा सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा, 'यह कुछ ऐसा है जो सरकार को करना चाहिए था। यदि मैं, जो बिना किसी अनुभव के एक सामान्य नागरिक हूं, उड़ानों को ट्रैवल एजेंसियों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच समन्वय स्थापित कर सकता हूं तो सरकार कितना कर सकती थी?'