नाबालिग बेटी से बार-बार रेप कर किया प्रेग्नेंट, मदरसा टीचर पिता को 3 बार आजीवन कारावास की सजा
एसपीपी ने आगे कहा कि जनवरी 2022 में फिर से पेट दर्द की शिकायत के बाद जब उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया तो उसने अपनी आपबीती बताई। तब पता चला कि वह गर्भवती थी।
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केरल की एक अदालत ने सोमवार को एक पिता को तीन बार आजीवन कारावस की सजा सुनाई। दरिंदे पिता का अपराध इतना घिनौना था कि कोर्ट ने उसे सख्त से सख्त सजा सुनाई। कोर्ट ने माना कि मलप्पुरम के रहने वाले इस पिता ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ बार-बार बलात्कार किया और उसे गर्भवती किया। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत बलात्कार, गंभीर यौन उत्पीड़न और निर्दयी यौन हमले के साथ-साथ पीड़िता को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया था।
6.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा
मंजेरी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश राजेश के ने उस व्यक्ति को दोषी ठहराया और उसे POCSO अधिनियम के तहत अपराधों के लिए तीन आजीवन कारावास की सजा सुनाईं। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ए सोमसुंदरन के अनुसार, "अदालत ने निर्देश दिया कि वह अपने शेष बची हुई जिंदगी जिंदगी कैद में काटेगा।" एसपीपी ने यह भी कहा कि अदालत ने उस पर 6.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पिता ने बेडरूम में खींच किया बेटी का रेप
एसपीपी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि रेप की पहली घटना मार्च 2021 में हुई जब घर में कोई नहीं था। अभियोजक ने कहा कि उस समय पीड़िता की उम्र महज 15 वर्ष थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लड़की की ऑनलाइन क्लासेस चल रही थीं। जब वह घर पर पढ़ाई कर रही थी, तब उसके पिता ने उसे अपने बेडरूम में खींचा और उसके साथ बलात्कार किया। घर पर तब कोई नहीं था।
एसपीपी ने कहा कि जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो उसने उसकी मां को जान से मारने की धमकी दी। आरोपी एक मदरसे में शिक्षक था। उसने अक्टूबर 2021 जब घर पर कोई नहीं होता था तो अपनी बेटी के साथ कई बार बलात्कार किया। नवंबर 2021 में जब फिजिकल क्लासेस फिर से शुरू हुईं, तो पीड़िता स्कूल जाने लगी और उस दौरान पेट में कुछ दर्द हुआ। इसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
बेटी के पेट में दर्द हुआ तो खुली पोल
एसपीपी ने आगे कहा कि जनवरी 2022 में फिर से पेट दर्द की शिकायत के बाद जब उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया तो उसने अपनी आपबीती बताई। तब पता चला कि वह गर्भवती थी। इसके बाद मामला दर्ज कर पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़िता का गर्भ चिकित्सकीय रूप से गिरा दिया गया। बाद में भ्रूण और लड़की व उसके पिता के डीएनए नमूने एकत्र किए गए। एसपीपी ने कहा कि डीएनए विश्लेषण से साबित हुआ कि लड़की का पिता ही अपराधी था। उन्होंने कहा कि पीड़िता और उसकी मां के बयानों के साथ डीएनए सबूत आरोपी को दोषी ठहराने में महत्वपूर्ण थे। वझिक्कदावु पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज किया गया था।