ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशमोटापा बढ़ा रहे प्रोडक्ट्स पर लगेगा 'फैट टैक्स', जल्द लागू होंगे नियम

मोटापा बढ़ा रहे प्रोडक्ट्स पर लगेगा 'फैट टैक्स', जल्द लागू होंगे नियम

डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में मौजूद फैट (वसा), शुगर और नमक के स्तर का अब स्पष्ट उल्लेख करना होगा। खाद्य नियामक (एफएसएसएआई) के अनुसार, ये सूचना लाल रंग में प्रकाशित करनी होगी। खाद्य नियामक मोटापा बढ़ाने...

मोटापा बढ़ा रहे प्रोडक्ट्स पर लगेगा 'फैट टैक्स', जल्द लागू होंगे नियम
नई दिल्ली | विशेष संवाददाताFri, 28 Jun 2019 08:54 AM
ऐप पर पढ़ें

डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में मौजूद फैट (वसा), शुगर और नमक के स्तर का अब स्पष्ट उल्लेख करना होगा। खाद्य नियामक (एफएसएसएआई) के अनुसार, ये सूचना लाल रंग में प्रकाशित करनी होगी। खाद्य नियामक मोटापा बढ़ाने वाले उत्पादों पर फैट टैक्स लगाने की भी तैयारी कर रहा है। मैक्सिको, चिली, जापान, नार्वे, ऑस्ट्रेलिया समेत आठ देशों में इस तरह का फैट टैक्स लग चुका है। एफएसएसएआई ने इन प्रस्तावों पर हितधारकों से मसौदा जारी होने के 30 दिन के भीतर सुझाव देने को कहा है।

एफएसएसएआई ने गुरुवार को कहा कि नए ‘लेबलिंग एवं डिस्प्ले' विनियमों के लिए मसौदा तैयार है। नए नियम खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियम, 2011 की जगह लेंगे। एफएसएसएआई ने कहा कि डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में कितनी मात्रा में क्या-क्या चीजें मिलाई गई हैं, इसकी जानकारी नागरिकों को देने के लिए ये नियम लाए जा रहे हैं। नियमों का मकसद उपभोक्ताओं को सेहतमंद खाद्य पदार्थ का विकल्प देना है। 

तीन साल में लागू होंगे नियम 

खाद्य सुरक्षा एवं मानक (लेबलिंग एवं डिस्प्ले) विनियम के प्रस्तावित मसौदे के मुताबिक, खाद्य कंपनियों को कैलोरी, फैट, ट्रांस फैट, चीनी और सोडियम की मात्रा जैसी पोषण से जुड़ी जानकारियों का उल्लेख पैकिंग के सामने के हिस्से में करना होगा। इन नियमों को तीन साल में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

लंबे समय से कवायद चल रही 

डायबिटीज की बढ़ते मामलों से चिंतित भारत ने दो साल पहले से ही ऐसे नियमों की योजना बना रहा था जिसमें खाद्य निर्माताओं को अपने लेबल पर फैट, चीनी और नमक की मात्रा प्रदर्शित करनी होगी। साथ ही देश भर में जंकफूड पर फैट टैक्स लगाने की बात की थी। वर्तमान में अधिकांश खाद्य कंपनियां पैकेज के पीछे अपने अनुशंसित दैनिक मूल्यों सहित सामग्री के पोषण विवरण को लिखती हैं।
 
यह करना होगा 

- नियामक ने कहा कि नए प्रस्तावित नियमों के तहत कंपनियों के लिए खाद्य पदार्थों के पैकेट पर लाल रंग से उच्च वसा और नमक की मात्रा से जुड़ी जानकारियां देना अनिवार्य होगा।

- कंपनियां उत्पाद के निर्माण और खराब होने की तारीख अलग-अलग जगह देती हैं। ग्राहकों को इसे ढूंढने और देखने में दिक्कत होती है।

- इसे देखते हुए नए नियमों में निर्माण और खराब होने की तारीख (एक्सपायरी) का उल्लेख एक ही जगह पर करने का प्रस्ताव किया।
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें