गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और कम से कम 200 लोगों को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस ने अपनी एक एफआईआर में मेधा पाटेकर, बूटा सिंह, योगेंद्र यादव समेत 37 किसान नेताओं को दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ''37 किसान नेताओं- मेधा पाटकर, बूटा सिंह, योगेंद्र यादव आदि को दिल्ली पुलिस की एक एफआईआर में कल की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस की परेड को बाधित करने के लिए किसानों की रैली और पारस्परिक रूप से सहमत मार्ग का पालन नहीं करने जैसे कार्य किए गए थे।'' पुलिस के अधिकारियों ने बताया है कि पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में लिया है और हिंसा के सिलसिले में अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की हैं। हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने जिन किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है उनमें- राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, वीएम सिंह, विजेंदर सिंह, हरपाल सिंह, विनोद कुमार, दर्शन पाल, राजेंद्र सिंह, बलवीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह, जगतार बाजवा, जोगिंदर सिंह उगराहां के नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं।
37 farmer leaders incl Medha Patkar, Buta Singh, Yogendra Yadav held responsible for yesterday's violence, in one of the FIRs by Delhi Police. FIR states that acts like not following mutually agreed route & timing of farmers' rally to disrupt R-Day parade were done: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 27, 2021
उल्लेखनीय है कि किसानों की मांगों के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए। बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है। ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली का आईटीओ एक संघर्ष क्षेत्र की तरह दिख रहा था जहां गुस्साये प्रदर्शनकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हुए नजर आए।
आंदोलन से अलग हुए दो किसान संगठन
वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन से दो किसान संगठन बुधवार को अलग हो गए। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ भी हुआ उससे वह काफी दुखी हैं और उनकी यूनियन ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है। भाकियू (भानु) से जुड़े किसान नोएडा-दिल्ली मार्ग की चिल्ला सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे। ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी के वी एम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है।