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पांच विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपील

केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच बुधवार को राहुल गांधी, शरद पवार समेत पांच विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। विपक्षी नेताओं ने कहा कि उन्होंने...

Rahul Gandhi With Sitaram Yechury. (ANI Twitter/9 Dec 2020)
1/ 2Rahul Gandhi With Sitaram Yechury. (ANI Twitter/9 Dec 2020)
Thousands of farmers, who are marching from various states toward the national capital to protest against new farm legislation they say will hurt their interests, appeared to harden their stand.(Raj K Raj/HT PHOTO)
2/ 2Thousands of farmers, who are marching from various states toward the national capital to protest against new farm legislation they say will hurt their interests, appeared to harden their stand.(Raj K Raj/HT PHOTO)
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 09 Dec 2020 05:43 PM
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केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच बुधवार को राहुल गांधी, शरद पवार समेत पांच विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। विपक्षी नेताओं ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का अनुरोध किया। विपक्षी दलों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के महासचिव डी राजा, और डीएमके नेता टीकेएस इलंगोवान शामिल थे।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ''हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें तीन कृषि कानूनों के संबंध में हमारे विचारों से अवगत कराया। हमने इन्हें निरस्त किए जाने का अनुरोध किया। हमने राष्ट्रपति को बताया कि इन कानूनों को वापस लिया जाना बेहद महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने कहा, ''जिस तरह से ये कानून संसद में पारित किए गए उससे हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है, इसलिए वे ठंड के मौसम में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।''

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि नए कानूनों का मकसद कृषि क्षेत्र को ''प्रधानमंत्री के मित्रों'' को सौंपना है, लेकिन किसान भयभीत नहीं हैं और पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपना शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति से अुनरोध किया कि ये कृषि कानून निरस्त किए जाने चाहिए क्योंकि इन पर ना ही संसद की प्रवर समिति में चर्चा की गई और ना ही अन्य पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श किया गया।

सीताराम येचुरी ने कहा, "हमने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया है। हमने उनसे कृषि कानून और बिजली संशोधन बिल को रद्द करने की मांग की है जिसे बिना किसी उचित विचार-विमर्श और सलाह के अलोकतांत्रिक तरीके से पास किया गया था।" कोविड-19 परिस्थितियों के चलते विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में केवल पांच सदस्य ही शामिल रहे।

क्या है मामला
कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था। सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी। वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

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