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किसान आंदोलन: BJP के 700 चौपाल लगाने पर बोले राकेश टिकैत, यह तो कानून बनाने से पहले करना था

तीन नए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए अलग-अलग राज्यों से आए हजारों किसान पिछले दो सप्ताह से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद किसान नेता...

किसान आंदोलन: BJP के 700 चौपाल लगाने पर बोले राकेश टिकैत, यह तो कानून बनाने से पहले करना था
हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 12 Dec 2020 10:06 PM
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तीन नए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए अलग-अलग राज्यों से आए हजारों किसान पिछले दो सप्ताह से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद किसान नेता मानने को राजी नहीं हैं। इसीलिए भाजपा ने किसानों को इन कानूनों से होने वाले फायदों के बारे में अवगत कराने के लिए एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की है, जिसके मुताबिक पार्टी की ओर से देश भर के 700 से अधिक जिलों में संवाददाता सम्मेलन और जन सभा सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

इस बारे में जब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "अब इससे कुछ नहीं होगा। सरकार को कानून लागू करने से पहले 700 चौपाल लगाना चाहिए था। और भला 700 चौपाल से होगा क्या... देश जितना बड़ा है, उसके हिसाब से सात हजार चौपाल लगाई जानी चाहिए।"

कृषि कानून को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने कहा, "बिल हमेशा गांव में बनना चाहिए। देश के किसानों को दिल्ली की कोठियों में बना हुआ कानून बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। कानून लाने से पहले सरकार को गांव में चौपाल लगाना चाहिए था।" आजतक के कार्यक्रम 'किसान पंचायत' में शिरकत करने आए राकेश टिकैत ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि केंद्र तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। उन्होंने कहा, "सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे, एमएसपी पर कानून बनाए... इन्हीं मांगों के साथ हम आंदोलन करने आए हैं।"

दूसरी ओर, सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि रविवार को हजारों किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के रास्ते सुबह 11 बजे अपने ट्रैक्टरों से 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू करेंगे। आंदोलन को और तेज करने की रणनीति साझा करते हुए किसान नेता ने घोषणा की कि उनकी माताएं, बहनें और बेटियां भी जल्द प्रदर्शन में शामिल होंगी। प्रदर्शन स्थलों पर उनकी सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं।

किसान नेता पन्नू ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से भी किसान यहां आ रहे हैं और वे आने वाले दिनों में आंदोलन को अगले स्तर पर पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए अवरोधक लगा रही है, लेकिन वे किसी भी तरह प्रदर्शन में शामिल होंगे और आने वाले दिनों में इसे अगले स्तर पर ले जाएंगे।

पन्नू ने कहा, ''अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम तैयार हैं, लेकिन हमारी मुख्य मांग तीनों कानूनों को रद्द करने की रहेगी। हम उसके बाद ही अपनी अन्य मांगों पर आगे बढ़ेंगे।" उन्होंने बताया कि किसान संगठनों के नेता नए कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिसंबर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक भूख हड़ताल करेंगे।

क्या है मामला
कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था। सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी। वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

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