कृषि कानूनों पर घमासान जारी है। केंद्र के नए कृषि कानूनो के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान पिछले 29 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर सभी बेनतीजा रही हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर अड़े हैं। अब इन किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी सड़क पर उतर चुके हैं।
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस मार्च करने जा रही है। राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों ने आज यानी 24 दिसंबर को कराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपा। इसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया गया है।
Farmer Protest Rahul Gandhi Rashtrapati Bhavan March LIVE UPDATES:
- दिल्ली : किसान सेना के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में भी और देश के जीवन में भी ऐसे क्षण आते हैं जब कुछ अच्छा करने चलो तो बाधाएं आती हैं। ऐसी ही परिस्थिति से आज हम गुजर रहे हैं।
- दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों पर सीधे संवाद और समर्थन करने के लिए यहां आने के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे पता चला है कि किसान सेना के किसान कृषि कानूनों के समर्थन में विरोध करने के लिए दिल्ली आ रहे थे, लेकिन तब हस्तक्षेप करने पर आपने यहां आने और हमसे बात करने का फैसला किया।
- दिल्ली : केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को समर्थन देने पहुंचे किसान सेना के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ कानूनों को लेकर चर्चा की।
Delhi: 21-member delegation of Kisan Sena today held a discussion on supporting Centre's 3 Farm laws with Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar at Krishi Bhawan pic.twitter.com/cu9nV6Wvxb
— ANI (@ANI) December 24, 2020
- दिल्ली : केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि जब 2006 में स्वामीनाथन कमीशन आया तो कांग्रेस ने इसे स्वीकार नहीं किया। नरेंद्र मोदी ने इसे स्वीकार किया और किसान को सही MSP मिला। कांग्रेस क्या करती थी कर्ज माफी का झुनझुना दिखाती थी। आइए हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं। वो मांग कर रहे हैं कि सत्र बुलाओ, अरे सत्र बुलाने पर तो आप लोग शोर करते हैं। हमारा विश्वास है कि संवाद से ही लोकतंत्र चलता है, संवाद के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं और हम संवाद से ही रास्ता निकालेंगे।
आइए चर्चा करने के लिए हम तैयार हैं। वो मांग कर रहे हैं कि सत्र बुलाओ, अरे सत्र बुलाने पर तो आप लोग शोर करते हैं। हमारा विश्वास है कि संवाद से ही लोकतंत्र चलता है, संवाद के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं और हम संवाद से ही रास्ता निकालेंगे: प्रकाश जावडे़कर, केंद्रीय मंत्री https://t.co/Q9UuSLKsHU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 24, 2020
- दिल्ली : बागपत से आए किसान मजदूर संघ के सदस्यों की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बागपत के किसानों ने मुझे नए कृषि कानूनों के समर्थन में एक पत्र दिया है। उन्होंने मुझसे कहा है कि कृषि कानूनों में संशोधन करने के लिए सरकार को किसी दबाव में नहीं झुकना चाहिए।
- दिल्ली : नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राहुल गांधी जो भी कहते हैं कांग्रेस भी उसे गंभीरता से नहीं लेती है। आज जब वे हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति के पास अपना विरोध दर्ज कराने गए, तो इन किसानों ने मुझसे कहा कि कांग्रेस से कोई भी उनके पास अपना हस्ताक्षर लेने नहीं आया। अगर राहुल गांधी इतने चिंतित होते, तो जब उनकी सरकार सत्ता में थी तो किसानों के लिए कुछ कर सकते थे। कांग्रेस का चरित्र हमेशा किसान विरोधी रहा है।
Whatever Rahul Gandhi says, even Congress doesn't take it seriously. Today when he went to register his protest with President with signatures, these farmers told me that no one from Congress came to them to get their signature: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/V5fWXLGOec pic.twitter.com/rpWbA1XwRr
— ANI (@ANI) December 24, 2020
- दिल्ली : किसान मजदूर संघ, बागपत के 60 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की।
Delhi: A delegation of 60 farmers belonging to Kisaan Majdoor Sangh, Baghpat meets Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar at Krishi Bhawan pic.twitter.com/v1KWxShAKZ
— ANI (@ANI) December 24, 2020
- दिल्ली : बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन मैंने एक बार भी नहीं सुना कि कांग्रेस के कार्यकर्ता किसानों से मिले और दो करोड़ किसानों से मिल लिये, हस्ताक्षर ले आए? कांग्रेस का पिछले दिनों दो लाख लोगों से भी संपर्क नहीं हुआ है, फिर भी दो करोड़ का आंकड़ा दे दिया।
- दिल्ली : केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राहुल जी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाह रहें। उन्होंने स्वयं अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर हम सत्ता में आए तो ये 3 बिल ले आएंगे और किसान को आजादी दिलाने के लिए APMC एक्ट से मुक्त करेंगे। वे किसान के कंधे पर बंदूक रखकर अपना निशाना साधना चाह रहे हैं।
राहुल जी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाह रहें। उन्होंने स्वयं अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर हम सत्ता में आए तो ये 3 बिल ले आएंगे और किसान को आज़ादी दिलाने के लिए APMC एक्ट से मुक्त करेंगे। वे किसान के कंधे पर बंदूक रखकर अपना निशाना साधना चाह रहे हैं: केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी pic.twitter.com/S5ohPUNgYO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 24, 2020
- दिल्ली : बास्केटबॉल खिलाड़ी सतनाम सिंह गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पहुंचकर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हम किसानों के साथ खड़े हैं। हम यहां अपनी सेवाएं देने के लिए आए हैं, ताकि किसानों किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
Delhi: Basketball player Satnam Singh joins farmers' protest at Singhu border.
— ANI (@ANI) December 24, 2020
"We stand with farmers. We have come to offer our services so they don't face any problems," he says. pic.twitter.com/5BTWWy3nlR
- दिल्ली : किसानों के विरोध पर दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा कि मुझे लगता है कि सरकार अपने अहंकार के कारण कृषि कानूनों के मुद्दे पर अटकी हुई है। उन्होंने किसानों को खालिस्तानी, नक्सली, आतंकवादी, और जाने क्या-क्या नहीं कहा है। सरकार की देरी से काम नहीं चल रहा है। सरकार सोच रही है कि किसानों को घुमाते रहेंगे और किसान थक हारकर वापस चले जाएंगे। इन 3 कानूनों को वापस लेकर नया कानून बनाने की जरूरत है। किसानों को जबर्दस्ती नहीं समझाया जा सकता है।
I feel the government is stuck on the farm laws issue because of its ego. They have called farmers Khalistani, Naxals, terrorists, and whatnot. The delay tactics of the govt are not working anymore: Delhi Minister Gopal Rai on farmers' protest pic.twitter.com/o4PTuDaA33
— ANI (@ANI) December 24, 2020
- दिल्ली : केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों को एक बार फिर पत्र लिखकर उनसे बातचीत के अगले दौर के लिए तारीख और समय तय करने को कहा है। साथ ही उन्हें उन अन्य मुद्दों की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है जिन पर वो वार्ता करना चाहते हैं। पत्र में कहा गया है कि सरकार आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों के तार्किक समाधान तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है।
Govt writes to agitating farmers, asking them to decide the date and time for the next round of talks. "Govt is committed to reaching logical solutions of the issues raised by you," it reads. pic.twitter.com/tBglPwi8fs
— ANI (@ANI) December 24, 2020
- दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा जिसमें 2 करोड़ हस्ताक्षर शामिल थे, जिसमें कृषि कानूनों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी।
New Delhi: Congress leaders Rahul Gandhi, Ghulam Nabi Azad & Adhir Ranjan Chowdhury met the President earlier today & submitted a memorandum containing 2 crore signatures seeking his intervention in farm laws issue. pic.twitter.com/Sqy6xdhNzw
— ANI (@ANI) December 24, 2020
- दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। #FarmersProtest pic.twitter.com/nMxkvSgW7x
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 24, 2020
- राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी पूंजीपतियों के लिए पैसे बना रहे हैं। जो भी उनके खिलाफ खड़ा होने की कोशिश करेगा, उसे आतंकी कहा जाएगा- चाहे किसान हो, मजदूर हो या मोहन भागवत ही क्यों ना हों।
- दिल्ली पुलिस प्रियंका गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को मंदिर मार्ग पुलिस थाने लेकर गई।
-राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि मैं पीएम से कहना चाहता हूं कि ये किसान कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक वापस नहीं जाएंगे। सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए। विपक्षी पार्टियां किसानों-मजदूरों के साथ खड़ी हैं।
-कृषि कानूनों के खिलाफ ज्ञापन लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति भवन पहुंचे हैं। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि मैंने राष्ट्रपित को कहा है कि ये कृषि कानून किसान विरोधी हैं। देश ने देखा है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़े हैं।
Delhi: Congress leaders Rahul Gandhi, Ghulam Nabi Azad & Adhir Ranjan Chowdhury visit Rashtrapati Bhavan. Gandhi says, "I told the President that these farm laws are anti-farmer. The country has seen that farmers have stood up against these laws". pic.twitter.com/4Y8hsQIhgN
— ANI (@ANI) December 24, 2020
- जवान किसान का बेटा होता है, जो किसानों की आवाज ठुकरा रहा है, अपनी जिद्द पर अड़ा हुआ है जबकि देश का अन्नदाता बाहर ठंड में बैठा है तो उस सरकार के दिल में क्या जवान, किसान के लिए आदर है या सिर्फ अपनी राजनीति, अपने पूंजीपति मित्रों का आदर है? :कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा
- दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस हिरासत में ले लिया है।
Delhi Police take Priyanka Gandhi and other Congress leaders into custody.
— ANI (@ANI) December 24, 2020
They were taking out a march to Rashtrapati Bhavan to submit to the President a memorandum containing 2 crore signatures seeking his intervention in farm laws issue. https://t.co/YHBbXmF8nC pic.twitter.com/SBB8BwyJ1P
-दिल्ली: राष्ट्रपति भवन तक कांग्रेस के मार्च को पुलिस ने रोक दिया है। इस पर प्रियंका गांधी ने कहा, 'इस सरकार के खिलाफ किसी भी असंतोष को आतंक के तत्वों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं।'
Delhi: Congress' march to Rashtrapati Bhavan stopped by police. "Any dissent against this govt is classified as having elements of terror. We are undertaking this march to voice our support for the farmers," says Congress leader Priyanka Gandhi. pic.twitter.com/9lgpi3kRfu
— ANI (@ANI) December 24, 2020
- चाणक्यपुरी एसीपी प्रज्ञा ने कहा कि केवल उन नेताओं को राष्ट्रपति भवन जाने की अनुमति होगी, जिनके पास अनुमति है।
Only the leaders, who have permission, will be allowed (to go to Rashtrapati Bhavan): Chanakyapuri ACP Pragya pic.twitter.com/BUVYt4nUmv
— ANI (@ANI) December 24, 2020
-राष्ट्रपति भवन तक मार्च से पहले राहुल गांधी पार्टी के सीनियर नेताओं और सांसदों से पार्टी मुख्यालय पर मिले। कुछ देर में वह कृषि कानूनों के खिलाफ दो करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपने राष्ट्रपति भवन जाएंगे।
Delhi: Congress leader Rahul Gandhi meets senior party leaders & MPs at party headquarters.
— ANI (@ANI) December 24, 2020
He is scheduled to lead a march from Vijay Chowk to Rashtrapati Bhavan to submit to the President a memorandum containing 2 crore signatures seeking his intervention in farm laws issue. pic.twitter.com/0JaggZsWdM
- मार्च से पहले राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।'
-राहुल गांधी के मार्च को दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी है। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त डीसीपी दीपक यादव ने कहा कि आज राष्ट्रपति भवन में कांग्रेस के मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि, ज्ञापन सौंपने राष्ट्रपति भवन जाने वाले तीन नेताओं को जाने दिया जाएगा।
-गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक हम हटेंगे नहीं..चाहे 10 साल लग जाएं। 6 बार की बातचीत हो चुकी है। सरकार चाहती तो हल निकाल सकती थी।"
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पहले कृषि विरोधी कानून बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा-कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में करीब दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भीषण सर्दी के बीच किसान 28 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, अब तक 44 किसानों की जान जा चुकी है, अहंकारी सरकार के मंत्री किसानों का अपमान कर रहे हैं।
गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से ही हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर जमे किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ठोस लिखित प्रस्ताव के साथ आए, हम वार्ता के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार के रविवार देर रात वार्ता के भेजे गए प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि कृषि कानूनों में संशोधन के लिए हम तैयार नहीं हैं, प्रस्ताव भेज कर बार-बार इसका दोहराव नहीं करें। सरकार के उक्त प्रस्ताव को पहले ही खारिज किया जा चुका है। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने से कम पर बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलेगा।
दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओ ने पत्रकारों से कहा कि हैरानी की बात है कि इतना समय बीतने के बाद भी सरकार को किसानों की मांगें समझ में नहीं आ रही हैं। भाकियू नेता युद्ववीर सिंह ने कहा कि सरकार बार-बार एक ही तरह का प्रस्ताव भेजकर गुमराह करने की कोशिश कर रही है। सरकार यह संदेश देना चाहती है कि किसान जिद पर अड़े हैं, बात करने को तैयार नहीं हैं। हकीकत यह है कि इस बात को कोई नौसिखिया भी समझ सकता है कि सरकार आंदोलन को लंबा खींचना चाहती है जिससे ठंड में आंदोलन टूट जाए।
सरकार आंदोलन को हल्के में लेने की गलती नहीं करे। देश भर के किसान आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं और बगैर कृषि कानूनों को रद्द किए किसान यहां से जाने वाले नहीं हैं। सीमाओं पर ड्यूटी कर रहे जवान भी समझ रहे हैं कि उनका परिवार ठंड में सड़कों पर पड़ा है। इसके दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं।
अमेरिका में किसान मजदूर बन गए:
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि कानून बनाकर सरकार खेतीबाड़ी को कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है। सरकार ने पहले भरोसा दिया कि ठोस प्रस्ताव भेजेंगे। लेकिन 5 दिसंबर को मौखिक मना करने के बाद कानून में संशोधन के प्रस्ताव को भेज दिया। अमेरिका में उक्त नीति के चलते किसान मजदूर बन गए। अब वहां बड़े किसान ठेका खेती कर रहे हैं।
गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार तीनों कानूनों को लेकर ढीढोरा पीट रही है। हर दिन पृथक किसान संगठनो द्वारा कानून को समर्थन दिखया जा रहा है, जिससे आंदोलन को तोड़ा जा सके। सरकार किसानों को कट्टरपंथी, अलगाववादी, चरमपंथी बता रही है। नए तरीके से आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है। सरकार की यह कोशिश कामयाब नहीं होगी। आंदोलन को और तेज करने के लिए किसान नेता राज्यों की ओर कूच करेंगे।
आंदोलन को बदनाम किया जा रहा: