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कृषि बिलों को लेकर अब राष्ट्रपति के दर पर 12 पार्टियां, मिलने के लिए मांगा समय

संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुके कृषि बिलों के खिलाफ कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का विरोध जारी है। 12 पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बिलों को लेकर मिलने के लिए समय की मांग की...

कृषि बिलों को लेकर अब राष्ट्रपति के दर पर 12 पार्टियां, मिलने के लिए मांगा समय
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 21 Sep 2020 03:30 PM
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संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुके कृषि बिलों के खिलाफ कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का विरोध जारी है। 12 पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बिलों को लेकर मिलने के लिए समय की मांग की है। ये बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो चुके हैं। 

कांग्रेस के सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, 'राज्यसभा में कल (रविवार) को बिना वोटिंग के जरिए पारित करवाए गए कृषि बिलों पर 12 दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने के लिए समय मांगा है। दलों ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वे इन बिलों पर मंजूरी नहीं दें।' संसद से पास हो चुके इन बिलों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा जाएगा, जिसके बाद उनकी मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। 

केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इन बिलों के पास होने के बाद किसानों को काफी लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि बिलों के पारित होने की वजह से आने वाले समय में किसान टेक्नोलॉजी से जुड़ सकेंगे। वहीं, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दल बिलों का जमकर विरोध कर रही हैं। ये दल बिलों को किसान विरोधी करार दे रहे हैं। 

हरियाणा, पंजाब में किसानों का विरोध

हरियाणा, पंजाब में किसानों का बिलों के खिलाफ जमकर विरोध देखने को मिल रहा है। भारतीय किसान यूनियन समेत किसान के अन्य संगठनों बीते कई दिनों से राज्यों में विरोध कर रहे हैं। राज्यसभा में रविवार को बिलों के पास होने के समय भी इन संगठनों ने नेशनल हाईवे पर उतरकर विरोध दर्ज करवाया था। वहीं, पंजाब में इन्हीं विरोधों के चलते एनडीए की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल भी सरकार के खिलाफ है। एसएडी सांसद हरसिमरत कौर ने मोदी सरकार की कैबिनेट से बिलों का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था। 

हंगामे के चलते राज्यसभा के आठ सदस्य सस्पेंड

कृषि बिलों को राज्यसभा में रविवार को पारित करवाए जाने के दौरान विपक्षी दलों ने जमकर विरोध जताया था। उन्होंने सदन उपसभापति के सामने लगे माइक को भी तोड़ने की कोशिश की थी। इसके अलावा रूल बुक को भी फाड़ दिया था। संसद के हंगामे को लेकर कार्रवाई करते हुए सोमवार को विपक्ष के आठ सांसदों को सत्र के शेष समय के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित सदस्यों के सदन से बाहर नहीं जाने और सदन में हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुयी तथा चार बार के स्थगन के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, 'आप' के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं।

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