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Fact Check: एंटीबायोटिक से कोरोना का इलाज संभव? जानें अफवाह है या सच्चाई

कोरोना वायरस को लेकर लोगों के बीच कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। कोरोना वायरस को लेकर फैली दहशत में अफवाहों का बड़ा हाथ है। सोशल मीडिया पर कई तरह के अफवाहों और बेकार के इलाज ने लोगों को और डरा दिया है।...

Fact Check: एंटीबायोटिक से कोरोना का इलाज संभव? जानें अफवाह है या सच्चाई
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्लीThu, 19 Mar 2020 02:07 PM
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कोरोना वायरस को लेकर लोगों के बीच कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। कोरोना वायरस को लेकर फैली दहशत में अफवाहों का बड़ा हाथ है। सोशल मीडिया पर कई तरह के अफवाहों और बेकार के इलाज ने लोगों को और डरा दिया है। कई जगह अफवाह है कि एंटीबायोटिक से कोरोना का इलाज संभव है। यहां आपको फैक्ट चेक करने की जरूरत है। दरअसल किसी भी प्रकार का एंटीबायोटिक कोरोना के लिए असरदार नहीं है। एंटीबायोटिक केवल बेक्टेरिया के खिलाफ काम करता है इसलिए कोरोना वायरस पर प्रभावी नहीं है। 

मसलन, सोशल मीडिया के साथ-साथ अब लोगों के बीच भी यह बात भी तेजी से फैल रही है कि मटन-चिकन खाने से कोरोना वायरस होता है। अगर आप भी अब तक यही मानते हैं तो आपको फैक्ट चेक करने की जरूरत है। कोरोना वायरस भले ही घातक है, मगर इसके बचाव और सावधानियां बरतने से इसके संक्रमण से बचा जा सकता है। 

सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट सामने आए हैं, जिनमें दावा किया गया है कि बकरे के मीट में कोरोना वायरस पाया गया है। अंडा, चिकन और मछली खाने से कोरोना वायरस फैलता है। मगर पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में पाया है कि मटन खाने से कोरोना वायरस नहीं फैलता है। पीआईबी ने यह भी स्पष्ट किया है कि मच्छरों के काटने से भी कोरोना वायरस नहीं फैलता है। 

पीआईबी ने कोरोना वायरस पर कुछ सही जानकारी साझा किया है, जिसे हम सबको समझने की जरूरत है। ताकि कोरोना वायरस पर पैनिक होने की बजाय हम इसके सही बचाव पर ध्यान देकर इससे संक्रमित होने से बच सकते हैं। 

-हैंड सैनिटाइजर एकमात्र समाधान नहीं हैं
-मांस, मुर्गी, मछली और अंडे का सेवन से #COVID19 नहीं होता है
-पालतू जानवर वायरस नहीं फैलाते हैं

बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों में घातक विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 166 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इन मामलों में दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र में जान गंवाने वाले तीन लोग और 25 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। मंत्रालय ने बताया कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आए 5,700 से अधिक लोगों पर निकटता से नजर रखी जा रही है।
 

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