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कौन हैं मिलिंद नार्वेकर, जिन्हें उद्धव ठाकरे से नाराजगी के बीच विलेन मानते रहे हैं नेता

मिलिंद नार्वेकर ने अपने सियासी करियर की शुरुआत शिवसेना की छात्र मोर्चा भारतीय विद्यार्थी सेना (BVS) से की थी। 1990 के समय वह शाखा प्रमुख के पद के लिए इंटरव्यू देने मातोश्री पहुंचे थे।

कौन हैं मिलिंद नार्वेकर, जिन्हें उद्धव ठाकरे से नाराजगी के बीच विलेन मानते रहे हैं नेता
Nisarg Dixitलाइव हिंदुस्तान,मुंबईThu, 23 Jun 2022 11:20 AM

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महाराष्ट्र में सियासी ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, विधायक एकनाथ शिंदे समेत कई नाम चर्चाओं में हैं। बागी विधायकों की नाराजगी के भी कई कारण गिनाए जा रहे हैं, लेकिन एक रोचक मुद्दा सीएम ठाकरे तक नेताओं की सीमित पहुंच का भी है। कहा जा रहा है कि विधायक और मंत्रियों को भी ठाकरे से मुलाकात आसान नहीं होती है। इसके तार शिवसेना प्रमुख के राजनीतिक सलाहकार मिलिंद नार्वेकर से भी जोड़कर देखे जा सकते हैं, जो बागी विधायकों और पार्टी के बीच शांति स्थापना में भी बड़ी भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं।

कहा जाता है कि शिवसेना में जब-जब नेतृत्व के खिलाफ बगावत हुई, तो नार्वेकर को ही जिम्मेदार माना गया। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने भी उनका फोन नहीं उठाने और उसे उद्धव ठाकरे तक नहीं पहुंचाने के आरोप नार्वेकर पर लगाए थे। आरोप थे कि सलाहकार पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं, विधायकों और उद्धव ठाकरे के बीच संपर्क में दूरियां तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा राज ठाकरे ने भी पार्टी नेतृत्व के साथ तनातनी का जिम्मेदार नार्वेकर को बताया था।

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कौन हैं मिलिंद नार्वेकर
54 वर्षीय नार्वेकर पहले उद्धव ठाकरे के निजी सहयोगी थे। उन्हें साल 2018 में शिवसेना का सचिव घोषित किया गया। खास बात है कि साल 1994 से ठाकरे से बात करना चाह रहे पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच संपर्क के लिए एकमात्र बिंदु रहे हैं। इसके अलावा ठाकरे की यात्रा से जुड़ी योजनाओं से लेकर हर काम में प्रबंधक की भूमिका निभाते हैं।

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यहां से बदली किस्मत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह कक्षा 11 तक पढ़े हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शिवसेना की छात्र मोर्चा भारतीय विद्यार्थी सेना (BVS) से की थी। 1990 के समय वह शाखा प्रमुख के पद के लिए इंटरव्यू देने मातोश्री पहुंचे थे। वहां उद्धव उनसे खासे प्रभावित हुए और निजी सहयोगी बनाने की पेशकश कर दी। कहा जाता है कि उद्धव ने उन्हें अचानक अपना निजी सचिव बनाने की पेशकश की थी। इसके बाद से ही बगैर सियासी बैकग्राउंड के नार्वेकर ने राज्य की सियासी हलचल में कदम रखा।

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अभी क्या है भूमिका?
राज्य में सियासी उठा पटक शुरू होने के बाद ही सीएम ने नार्वेकर से सूरत जाने के लिए कहा था, जहां एकनाथ शिंदे समेत अन्य बागी विधायक मौजूद थे। आदेश मिलते ही नार्वेकर और पार्टी एमएलसी रवींद्र फाटक गुजरात के लिए निकल गए। खबर है कि यहां उन्होंने शिंदे और ठाकरे के बीत बात कराई थी।

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