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जलवायु परिवर्तन रोकने को कोशिश नाकाफी, भारत को तेज करने होंगे प्रयास

नवीन ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। लेकिन पेरिस समझौते के अनुरूप तापमान बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री तक सीमित रखने के प्रयास नाकाफी हैं। एक ताजा रिपोर्ट ब्राउन टू...

जलवायु परिवर्तन रोकने को कोशिश नाकाफी, भारत को तेज करने होंगे प्रयास
नई दिल्ली | मदन जैड़ाThu, 15 Nov 2018 06:43 AM
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नवीन ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। लेकिन पेरिस समझौते के अनुरूप तापमान बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री तक सीमित रखने के प्रयास नाकाफी हैं। एक ताजा रिपोर्ट ब्राउन टू ग्रीन-2018 में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में जी-20 देशों द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों की समीक्षा की गई है। ब्यूनर्स आयर्स में 30 नवंबर से जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन शुरू हो रहा है, उससे ठीक पहले यह रिपोर्ट जारी की गई है। 

भारत ने 2030 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की तीव्रता में 33-35 फीसदी तक की कमी लाने का ऐलान किया था। लेकिन पेरिस समझौते के अनुसार डेढ़ डिग्री के लक्ष्य के हिसाब से कम है। क्लाईमेट ट्रांसपरेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट में कई और भी चिंताएं जताई गई हैं। इसमें कहा गया है कि 2030 तक भारत के ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भी करीब-करीब दोगुने की बढ़ोतरी होने की आशंका है। अभी यह 2454 मिलियन टन के करीब है जो 4570 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी। यह उत्सर्जन दो डिग्री तापमान बढ़ोतरी के परिदृश्य से भी कहीं ज्यादा है। इसलिए भारत को विभिन्न क्षेत्रों के लिए अपने उत्सर्जन लक्ष्य नए सिरे से निर्धारित करने की जरूरत है। 

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पहल की सराहना भी की 

रिपोर्ट में हालांकि भारत के कई अहम कदमों का भी जिक्र किया गया है। नवीन ऊर्जा के लक्ष्यों को लेकर भारत की सराहना भी की गई है। 2030 तक भारत ने सौ फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। जबकि हरित ऊर्जा उत्पादन 2027 तक 47 फीसदी पहुंच जाएगा। 

20 देशों के उपायों की समीक्षा 

रिपोर्ट में सभी जी-20 देशों द्वारा किए जा रहे उपायों की समीक्षा की गई। लेकिन इस बात पर चिंता व्यक्त की गई है कि जी-20 देशों की जीवाश्म ईधन से निर्भरता घट नहीं रही है। अभी भी इन देशों में 82 फीसदी तक जीवाश्म ईधन का इस्तेमाल हो रहा है। सऊदी, ऑस्ट्रेलिया और जापान में तो यह निर्भारता 90 फीसदी से भी अधिक है। ऊपर से कई देशों में जीवाश्म ईधन पर सबसिडी भी दी जा रही है। 

नवीन ऊर्जा उत्पादन बढ़े

जी-20 देशों में औसतन 24 फीसदी नवीन ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। लेकिन भारत में अभी यह महज 16 फीसदी है। लेकिन औद्योगिक उत्सर्जन की तीव्रता (2012-17) में कमी महज 11 फीसदी की है। भारत में यह कहीं ज्यादा 13 फीसदी है।

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उत्सर्जन आधा किया जाए

रिपोर्ट के सह लेखक जान बर्क ने कहा कि  जी-20 देशों को तापमान बढ़ोतरी डेढ़ डिग्री सीमित रखने के लिए 2030 तक अपने उत्सर्जन को आधा करना होगा। लेकिन इस दिशा में कोई गंभीर पहल होती नहीं दिख रही है। 

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