ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशमुसीबत:कलाकारों को रॉयल्टी नहीं देने पर म्यूजिक कंपनियों को ED का समन

मुसीबत:कलाकारों को रॉयल्टी नहीं देने पर म्यूजिक कंपनियों को ED का समन

कलाकारों को कथित तौर पर रॉयल्टी नहीं देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बॉलीवुड की कुछ शीर्ष म्यूजिक कंपनियों को समन भेजा है। इस साल की शुरुआत में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की गायिका शुभा...

मुसीबत:कलाकारों को रॉयल्टी नहीं देने पर म्यूजिक कंपनियों को ED का समन
प्रतीक सालुंके, मुंबई Tue, 07 Nov 2017 07:43 AM
ऐप पर पढ़ें

कलाकारों को कथित तौर पर रॉयल्टी नहीं देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बॉलीवुड की कुछ शीर्ष म्यूजिक कंपनियों को समन भेजा है। इस साल की शुरुआत में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की गायिका शुभा मुद्गल ने दिल्ली पुलिस में इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी पर कार्रवाई करते हुए मुंबई यूनिट ने यह समन भेजा है।

जिन कंपनियों को समन भेजा गया है, उनमें आदित्य चोपड़ा की यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) शामिल है। सोनी म्यूजिक इंटरटेनमेंट के लिए इसके भारत व पश्चिम एशिया के अध्यक्ष श्रीधर सुब्रह्मनियम और यूनिवर्सल म्यूजिक ग्रुप के लिए डी. सान्याल को भी समन भेजा गया है। इससे पहले ईडी ने टी-सीरीज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक भूषण कुमार, सारेगामा म्यूजिक के प्रबंध निदेशक विक्रम मेहरा को भी समन भेजा था। ईडी इस मामले में भूषण कुमार और मेहरा के बयान भी रिकॉर्ड कर चुका है। 

प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘उनके (आदित्य चोपड़ा, सुब्रह्मनियम और सान्याल) भी बयान भी रिकॉर्ड किए जाएंगे। इस बात की जांच की जाएगी कि पैसा कहां गया।’ संबंधित कंपनियों से भी इस मामले में संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

हालांकि टी-सीरीज के मार्केटिंग व पब्लिसिटी विभाग के अध्यक्ष विनोद भानुशाली ने कहा, ‘हम लोग कानून का पालन करने वाले लोग हैं और सभी जरूरी दस्तावेज जमा करा दिए गए हैं। हमने किसी भी संगीतकार और गीतकार की रॉयल्टी इकट्ठा नहीं की है। हमने सिर्फ अपने साउंड रिकॉर्डिंग की रॉयल्टी ली है, जो कानूनी तौर पर प्रोड्यूसरों से खरीदी गई है।’ पिछले शुक्रवार को ईडी ने मुंबई में पांच, दिल्ली में दो और कोलकाता के एक ठिकाने पर छापेमारी की थी। इंडियन परफॉर्मिंग राइट्स सोसायटी (आईपीआरएस) और फोनोग्राफिक्स परफॉर्मेंस लिमिटेड (पीपीएल) के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई गई थी। 

ईडी अधिकारियों के मुताबिक आईपीआरएस और पीपीएल ने कलाकारों और संगीतकारों को रॉयल्टी नहीं दी है। पॉलिसी के मुताबिक म्यूजिक कंपनियों को कलाकारों और संगीतकारों के साथ रॉयल्टी साझा करनी होती है, अगर उसका इस्तेमाल कॉलर ट्यून या किसी अन्य व्यावसायिक उद्देश्य के लिए होता है।

शिकायत के मुताबिक कॉपीराइट अधिनियम के सेक्शन 18 व 19 में संशोधन के बावजूद कलाकारों को म्यूजिक कंपनियों द्वारा जुटाई जा रही रॉयल्टी का बराबर हिस्सा नहीं मिल रहा है। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि म्यूजिक कंपनियां पीपीएल और आईपीआरएस के निदेशकों से मिलीभगत कर रॉयल्टी का पैसा हड़प रही हैं।


शिकायत में कहा गया है, ‘टेलीकॉम ऑपरेटरों, टीवी ब्रॉडकास्टरों, ऑनलाइन व डिजिटल प्लेटफॉर्म से लाइसेंस फीस और सेवा शुल्क के नाम पर बड़ी रकम वसूली जा रही है। मगर इसका हिस्सा संगीतकारों और गीतकारों को नहीं मिल रहा है।’

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें