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बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में TMC का 5वां नेता गिरफ्तार, शांतनु बनर्जी पर गिरी ED की गाज

अधिकारी ने बताया कि शांतनु बनर्जी कुछ संपत्तियों की खरीद में इस्तेमाल धन के स्रोत के बारे में नहीं बता सके। संदिग्धों ने बताया कि बनर्जी नौकरी चाहने वालों और रैकेट के सदस्यों के बीच बैठकें कराते थे।

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में TMC का 5वां नेता गिरफ्तार, शांतनु बनर्जी पर गिरी ED की गाज
Niteesh Kumarहिन्दुस्तान टाइम्स,कोलकाताFri, 10 Mar 2023 11:29 PM
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के युवा विंग के नेता शांतनु बनर्जी को गिरफ्तार कर लिया। स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए रिश्वत घोटाले के सिलसिले में एजेंसी के कोलकाता ऑफिस में बनर्जी से 8 घंटे तक पूछताछ की गई, जिसके बाद यह गिरफ्तारी हुई। हुगली जिले के बालागढ़ इलाके में बनर्जी के घर पर ईडी ने जनवरी में छापा मारा था। इसके बाद से उनसे कई बार पूछताछ की जा चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में बैठने वाले 300 परीक्षार्थियों की लिस्ट जब्त की गई थी।

मालूम हो कि टीएमसी यूथ विंग के एक अन्य नेता और हुगली जिले के निवासी कुंतल घोष को ईडी ने 21 जनवरी को गिरफ्तार किया था। वह अब सीबीआई की हिरासत में हैं। ईडी अधिकारी ने बताया कि शांतनु बनर्जी कुछ संपत्तियों की खरीद में इस्तेमाल धन के स्रोत के बारे में नहीं बता सके। कुछ अन्य संदिग्धों ने ईडी को बताया कि बनर्जी संभावित नौकरी चाहने वालों और रैकेट के सदस्यों के बीच बैठकें कराते थे।

5-15 लाख रुपये की रिश्वत देने का आरोप
मई 2022 में कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके तहत 2014 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से गैर-शिक्षण कर्मचारियों (ग्रुप C व D) और शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच होनी थी। आरोप है कि परीक्षा में फेल होने के बाद नौकरी पाने के लिए कुछ लोगों ने 5-15 लाख रुपये की रिश्वत दी थी।

TMC के इन नेताओं की भी हुई गिरफ्तारी
अधिकारियों के मुताबिक, टीएमसी नेताओं की मिलीभगत तब सामने आई जब एजेंसी ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार किया। ईडी ने 19 सितंबर को दायर अपनी पहली चार्जशीट में कहा कि नकदी, आभूषण और 103.10 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति का दोनों के बीच लिंक मिला। नादिया जिले से टीएमसी विधायक और प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को ईडी ने पिछले साल 11 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में भी हैं। ईडी की दूसरी चार्जशीट में उन्हें मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है। वहीं, टीएमसी के पूर्व नेता शाहिद इमाम को सीबीआई ने 17 फरवरी को इस संदेह में गिरफ्तार किया था कि वह उन एजेंटों में से एक थे जो नौकरी चाहने वालों से पैसे वसूल करते थे।

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