दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं किसान, सिंघु से लेकर टिकरी बॉर्डर बंद, ट्रैफिक से बचने को इन रूटों से बचें
तीन कृषि कानूनों के चलते लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। किसान आंदोलन के कारण दिल्ली के तीन मुख्य बॉर्डर-सिंघू, गाजीपुर और टिकरी गुरुवार को बंद रहेंगे। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने...
तीन कृषि कानूनों के चलते लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। किसान आंदोलन के कारण दिल्ली के तीन मुख्य बॉर्डर-सिंघू, गाजीपुर और टिकरी गुरुवार को बंद रहेंगे। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने गाड़ियों को डायवर्ट कर दिया है। जिससे संभवत: पीक आवर्स के दौरान शहर के कुछ हिस्सों में भीड़भाड़ हो सकती है।
इधर, गाजीपुर बॉर्डर (गाजियाबाद से दिल्ली), सिंघू बॉर्डर, धंसा बॉर्डर, मंगेशपुर बॉर्डर, हरेवाली बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर वाहनों की आवाजाही बंद है। एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने कहा, नोएडा और दिल्ली के बीच चिल्ला बॉर्डर दोनों तरफ खुला है।
उन्होंने कहा कि गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली गाड़ियों को दूसरे रूट जैसे कि आनंद विहार, सूर्या नगर, अप्सरा, भोपरा, लोनी, कोंडली, चिल्ला, न्यू अशोक नगर, डीएनडी, और कालिंदी कुंज के लिए डायवर्ट किया जा रहा है। ऐसे में पीक ऑवर में ट्रैफिक जाम रह सकता है। ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि औचंदी बॉर्डर केवल सुबह और शाम के पीक ऑवर्स के दौरान खोला जाएगा, जबकि लामपुर, सफियाबाद पूरे दिन खुला रहेगा। ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने लोगों को अन्य रुट लेने की सलाह दी है क्योंकि जीटी करनाल रोड, रोहतक रोड, आउटर रिंग रोड और एनएच -44 पर भारी ट्रैफिक की उम्मीद है।
किसान नेताओं ने 26 मार्च के अपने संपूर्ण भारत बंद से पहले बुधवार को कहा कि वे केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तेज करने की तैयारी कर रहे हैं। किसान आंदोलन के चार महीने 26 मार्च को पूरे होने के मौके पर राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान के दौरान भी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान 12 घंटे तक बंद रहेंगे। इसके बाद, 28 मार्च को केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन किया जाएगा।
गंगानगर किसान समिति के रंजीत राजू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''बंद सुबह छह बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक रहेगा, जिस दौरान सभी दुकानें और डेयरी तथा हर चीज बंद रहेंगी।'' उन्होंने कहा, ''हम तीन (नए कृषि) कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन करेंगे और उम्मीद है कि सरकार को सदबुद्धि आएगी और वह इन कानूनों को रद्द करेगी तथा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए लिखित गारंटी देगी।'' बंद का सभी मजदूर एवं परिवहन संघों, छात्र, युवा और महिला संगठनों ने समर्थन किया है।
एक अन्य किसान नेता पुरषोत्तम शर्मा ने कहा, ''हम राज्य स्तर पर भी इस तरह की बैठकें करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बंद हर जगह हो। ऑल इंडिया किसान सभा के नेता कृष्ण प्रसाद ने कहा कि 112 दिनों से आंदोलन का लगातार जारी रहना अपने आप में एक उपलब्धि है और अब से यह मजबूत होता जाएगा। प्रसाद ने कहा, ''ना तो आपने, ना ही हमने सोचा था कि हम ऐसा कर सकेंगे और लोगों ने यह प्रदर्शित किया है कि वे हमारा समर्थन कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत बंद ''राज्य, जिला, तहसील और ग्राम स्तर पर होगा।''