बिप्लब देब का अजीबो-गरीब 'ज्ञान', 'बतखों के पानी में तैरने से बढ़ता है ऑक्सीजन'
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने एक अजीबो गरीब बयान दिया है जिसकी वजह से वो एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। बिप्लब ने कहा कि वह पूरे राज्य में ग्रामीणों के बतख बांटना चाहते हैं। बतख बांटने से...
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने एक अजीबो गरीब बयान दिया है जिसकी वजह से वो एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। बिप्लब ने कहा कि वह पूरे राज्य में ग्रामीणों के बतख बांटना चाहते हैं। बतख बांटने से ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। इतना ही नहीं बिप्लब ने ये दावा किया है कि बतखों के तैरने से पानी में ऑक्सीजन बढ़ती है। उन्होंने कहा की जब किसी जलाशय में बतख तैरती हैं तो रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया होती है और इससे ऑक्सीजन बढ़ता है।
बिप्लब देब ने कहा, नीरमहल के आसपास बनी कृत्रिम झील रुद्र सागर के किनारे रहने वाले मछुआरों को 50 हजार बतखों के बच्चे बाटंगे। जब बतख पानी में तैरती हैं तो जलाशय में ऑक्सीजन का स्तर अपने आप बढ़ जाता है। इससे ऑक्सीजन रिसाइकिल होता है। पानी में रहने वाली मछलियों को ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है। इस तरह मछलियां तेजी से बढ़ती हैं और ऑर्गनिक तरीके से मत्स्यपालन को बढ़ावा मिलता है।
बता दें कि बिप्लब देब अक्सर अपने बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं। एक बार उन्होंने कहा था इंटरनेट आज आविष्कार का नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल महाभारतकाल से हो रहा है। एक रैली में बोलते हुए सीएम बिप्लब देब ने कहा था कि महाभारत में संजय, अंधे धृतराष्ट्र को युद्ध का आंखों देखा हाल सुना रहे थे। ये घटना इंटरनेट और सैटेलाइट के बिना नहीं हो सकता था। हमारी संस्कृति और सभ्यता काफी पुरानी है। हम पुराने समय से ही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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