कोरोना वैक्सीन बना सकती है नपुंसक? ड्रग कंट्रोलर जनरल ने दिया यह जवाब
लंबे समय से कोरोना से जूझ रहे भारत को आज कुछ राहत मिली है। दरअसल एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के बाद आज ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत...
लंबे समय से कोरोना से जूझ रहे भारत को आज कुछ राहत मिली है। दरअसल एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के बाद आज ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भारत में आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है।
भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल वीजी सोमानी ने वैक्सीन के सुरक्षित होने के सवाल के जवाब में कहा कि अगर सुरक्षा को लेकर जरा भी संदेह होता तो हम कभी इसे मंजूर नहीं करते। टीके 110% सुरक्षित हैं। हल्के बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे कुछ दुष्प्रभाव हर टीका के लिए आम हैं। इस टीके से लोग नपुंसक हो सकते हैं, ये बात पूरी तरह बकवास है।
#WATCH I We'll never approve anything if there's slightest of safety concern. Vaccines are 110 % safe. Some side effects like mild fever, pain & allergy are common for every vaccine. It (that people may get impotent) is absolute rubbish: VG Somani,Drug Controller General of India pic.twitter.com/ZSQ8hU8gvw
— ANI (@ANI) January 3, 2021
DCGI के निदेशक वीजी सोमानी ने बताया कि दोनों ही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसका इस्तेमाल इमरजेंसी की स्थिति में किया जा सकेगा। DCGI के मुताबिक दोनों ही वैक्सीन की दो दो डोज इंजेक्शन के रूप में दी जाएगी।
इन दोनों वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के तापमान में सुरक्षित रखा जा सकेगा। गौरतलब है कि फिलहाल भारत में कोरोना की छह वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल जारी है। इनमें कोवीशिल्ड और कोवैक्सिन भी शामिल है। कोवीशिल्ड ऑस्ट्रॉक्सी वैक्सीन है, जिसे एस्ट्रजेनेका और पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। कोवैक्सीन भारत की बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से विकसित किया जा रहा स्वदेशी टीका है।