लाल किले पर PM नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में तैनात था DRDO द्वारा तैयार एंटी ड्रोन सिस्टम, लेजर से टारगेट को मार गिराने में सक्षम
भारत आज अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर लाल किले की प्रचीर से झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित किया। इस दौरान सुरक्षा एजेंसी ने लाल किले की चाक चौबंद...
भारत आज अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर लाल किले की प्रचीर से झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित किया। इस दौरान सुरक्षा एजेंसी ने लाल किले की चाक चौबंद व्यवस्था की हुई थी। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा गया।
लाल किले की सुरक्षा में डीआरडीओ द्वारा तैयार एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती की गई थी, जो कि छोटे से छोटे ड्रोन को तीन किलोमीटर के दायरे में आने से रोकता है। साथ ही एक से ढाई किलोमीटर के दायरे में उसे लेजर की मदद से मार गिराने में सक्षम होता है।
DRDO-developed anti-drone system deployed near Red Fort today on #IndependenceDay. The system can detect and jam micro drones up to 3 kilometres and use laser to bring down a target up to 1-2.5 kilometres depending on the wattage of laser weapon. pic.twitter.com/uyraH5XNzF
— ANI (@ANI) August 15, 2020
कोरोना काल में लाल किले की प्राचीर पर होने वाले मुख्य स्वतंत्रता दिवस समारोह में सारे जरूरी एहतियात बरते। आमंत्रितों की संख्या घटाने के साथ स्कूली बच्चे भी इस बार कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिए। हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। लोगों का मास्क पहनना अनिवार्य था।
इस समारोह के लिए रक्षा मंत्रालय ने व्यापक तैयारियां की थीं और जरूरी दिशानिर्देश जारी किए थे। प्रवेश के पहले विभिन्न द्वारों पर मास्क और सेनेटाईजर की व्यवस्था की गई थी। इस बार स्कूली छात्रों को कोरोना के चलते नहीं बुलाया गया था। उनकी जगह इस बार 500 एनसीसी कैडेट को बुलाया गया था। जो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ज्ञान पथ पर बैठे थे।
परेड में वीवीआईपी मेहमानों की संख्या भी कम की गई थी और ध्वजारोहण स्थल के दोनों ओर लगभग डेढ़ सौ अति विशिष्ट मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। आमतौर पर यह संख्या तीन सौ से पांच सौ के आसपास होती थी। पूरे समारोह के लिए रक्षा मंत्रालय ने लगभग 4000 निमंत्रण पत्र जारी किए गए थे।
समारोह में हिस्सा लेने वाले प्रमुख सुरक्षा कर्मियों के कोरोना टेस्ट भी कराए गए। गार्ड ऑफ़ ऑनर में शामिल होने वाले सभी सुरक्षाकर्मियों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया। आपात स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न स्थानों पर कोरोना से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई थी। सभी प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था थी।