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स्वतंत्रता दिवसः जानें भारत के तिरंगे का इतिहास

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। इस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन भारत के सभी सरकारी संस्थानों, इमारतों सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों और घरों में झंडा फहराया जाता है। इस...

स्वतंत्रता दिवसः जानें भारत के तिरंगे का इतिहास
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 13 Aug 2017 03:07 PM
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15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। इस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन भारत के सभी सरकारी संस्थानों, इमारतों सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों और घरों में झंडा फहराया जाता है। इस दिन हर हिन्दुस्तानी आजादी के इस जश्न को अपने-अपने अंदाज में मनाता है। कोई इस दिन अपने शरीर पर तिरंगे का टैटू बनवाता है तो कोई तिरंग या तीन रंगों वाला कपड़ा पहनता है तो कोई तिरंगे के रंग को मेकअप के रूप में इस्तेमाल करता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं क्या है तिरंगे का इतिहास। आजादी के पहले और फिर आजादी के बाद भारत का झंडा कैसा था और इसमें कितने रंग थे।   

तिरंगा का इतिहास

पहला झंडा

पहला भारतीय झंडा 7 अगस्त 1906 में कलकत्ता के पारसी बगान स्कवॉयर में फहराया गया था। इस झंडे में हरे, पीले और लाल रंग की तीन पट्टियां थी। झंडे की बीच की पट्टी पर वंदेमातरम लिखा हुआ था। नीचे की पट्टी पर सूर्य और चांद का सांकेतिक चिन्ह बना हुआ था।

first indian flag

दूसरा झंडा

second indian flag

भारत का दूसरा झंडा 1907 में मैडम कामा और निर्वासित क्रांतिकारियों के उनका संगठन ने पेरिस में फहराया था। यह झंडे पहले वाले से ज्यादा अलग नहीं है। इसमें हरे, पीले और नारंगी रंग की तीन पट्टियां थी। इस झंड़े की बीच की पट्टी पर भी वंदेमातरम लिखा हुआ था। नीचे की पट्टी पर सूर्य और चांद का सांकेतिक चिन्ह बना हुआ था।

तीसरा झंडा

 

third indian flag


इस भारतीय झंडे को डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने होम रूल मूवमेंट 1917 के दौरान फहराया था। इस झंडे में ऊपर की तरफ यूनियन जैक था। झंडे में बिग डिपर या सप्तर्षि नक्षत्र और अर्धचंद्र चंद्र और सितारा भी था।

चौथा झंडा

 

fourth indian flag

1916 में लेखक और भूभौतिकीविद् पिंगाली वेंकैया ने देश की एकजुटता के लिए एक झंडा डिजाइन किया था। इस झंडे को डिजाइन करने से पहले उन्होंने महात्मा गांधी से अनुमति ली थी। गांधीजी ने उनको भारत का आर्थिक उत्थान दर्शाते हुए झंडे में चरखा शामिल करने की सलाह दी थी। गांधी जी ने इस झंड़े को 1921 में फहराया था। इसमें सबसे ऊपर सफेद, बीच में हरी और सबसे नीचे लाल रंग की पट्टियां थी। ये झंडा सभी समुदायों का प्रतीक माना जाता था।

पांचवां झंडा 

fifth indian flag

1931 में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में ऐतिहासिक बदलाव किया गया था। कांग्रेस कमेटी बैठक में पास हुए एक प्रस्ताव में भारत के तिंरगे को मंजूरी मिली थी। इस तिरंगे में केसरिया रंग ऊपर, सफेद बीच में और सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी थी। सफेद रंग की पट्टी पर नीले रंग का चरखा बना हुआ था।

छठा झंडा 

 

sixth Indian Flag


आजाद भारत के लिए संविधान सभा ने इसी भारतीय झंडे को स्वीकार कर लिया था। हालांकि चरखे की जगह इसमें सम्राट अशोक के धर्म चक्र शामिल कर लिया गया था। यही झंडा 1947 से भारत का राष्ट्रीय ध्वज है।

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