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जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून लागू करने की तैयारियों पर चर्चा

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून लागू करने से जुड़ी तैयारियों को लेकर गृह मंत्रालय में बुधवार को उच्चस्तरीय चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि जब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों केंद्र शासित प्रदेश 31 अक्टूबर...

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून लागू करने की तैयारियों पर चर्चा
एजेंसी,नई दिल्लीWed, 25 Sep 2019 08:21 PM
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जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून लागू करने से जुड़ी तैयारियों को लेकर गृह मंत्रालय में बुधवार को उच्चस्तरीय चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि जब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों केंद्र शासित प्रदेश 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे तब इस कानून को किस तरह से लागू किया जाएगा, इस पर केंद्र व राज्य के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के बीच चर्चा हुई है। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम और प्रधान सचिव रोहित कंसल ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू किए जाने के संबंध में केंद्रीय गृहमंत्रालय में जम्मू कश्मीर मामलों के अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के साथ दो घंटे लंबी चर्चा की। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कानून के मुताबिक 31 अक्तूबर को केंद्र शासित प्रदेश- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आएंगे। बीतें दिनों में शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई यह लगातार दूसरी बैठक थी। सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने बैठक की अध्यक्षता की थी।

संपत्ति बंटवारे पर चर्चा : 

अधिकारी ने बताया कि बैठक में इन दो केंद्र शासित प्रदेशों के बीच कर्मचारियों और अधिकारियों के आवंटन और सपंत्तियों के बंटवारे जैसे दो अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। कानून के मुताबिक जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और अन्य केंद्रीय सेवा के अधिकारी इन दो केंद्र शासित प्रदेशों में सेवाएं देना जारी रखेंगे। जबकि इन सेवाओं के तहत चुने जाने वाले नए अभ्यर्थियों को अरुणाचल,गोवा, मिजोरम एंड यूनियन टेरीटरीज (एजीएमयूटी) कैडर आवंटित किया जाएगा। 

प्रांतीय अधिकारियों का पद बरकरार:  

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के अनुसार प्रांतीय सेवा अधिकारी अपने वर्तमान पदों पर काम करते रहेंगे जब तक कि इन दो नए केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल की ओर से नया आदेश ना जारी हो जाए।

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