BJP के एक दर्जन मंत्रियों को लोकसभा चुनाव के लिए समन्वय बढ़ाने के निर्देश
लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी भाजपा के एक दर्जन से ज्यादा केंद्रीय मंत्रियों को अपने घर में ही कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी संगठन की अंदरूनी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आने के बाद...
लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी भाजपा के एक दर्जन से ज्यादा केंद्रीय मंत्रियों को अपने घर में ही कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी संगठन की अंदरूनी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आने के बाद इन मंत्रियों को तीन एस यानी समय, संवाद व समन्वय काम करने को कहा गया है। इन मंत्रियों से क्षेत्र के ज्यादा दौरे कर केंद्र की उपलब्धियों, योजनाओं को प्रभावी ढंग से रखने को कहा गया है। साथ ही स्थानीय नेताओं से समन्वय बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
भाजपा ने अंदरूनी तौर पर लोकसभा में मिशन 300 प्लस का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए पार्टी ने अपने मौजूदा सांसदों के साथ नए क्षेत्र भी तैयार किए हैं। हालांकि उसके कई मंत्रियों व मौजूदा सांसदों का हाल अपने क्षेत्रों में ठीक नहीं हैं।
शनिवार रविवार क्षेत्र में रहें
पार्टी ने इन सभी नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय रहने को कहा है। मंत्रालय के काम के बाद शनिवार व रविवार व अन्य अवकाश के दिनों में अनिवार्य रूप से अपने क्षेत्रों में ही रहें।
नाम सार्वजनिक नहीं
संगठनात्मक रिपोर्ट में इन नामों का खुलासा भी किया गया है, लेकिन पार्टी इन्हें सार्वजनिक नहीं करेगी। इनमें एक दर्जन से ज्यादा केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं।
संगठन मंत्री सेतु बनेंगे
कुछ कैबिनेट मंत्री भी शामिल है, जिनका जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं है। कद व पद के चलते इनका फिर से चुनाव लड़ना भी तय माना जा रहा है। इन नेताओं को सलाह दी गई है वे दौरे और समन्वय पर खुद को केंद्रित करें। संबंधित जिला संगठन मंत्रियों को ऐसे क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान देने को कहा गया है। जिला संगठन मंत्री इन नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच सेतु का काम करेंगे और नाराजगी दूर करने का प्रयास करेंगे।
अच्छी परिस्थिति
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अभी माहौल भाजपा के खिलाफ नहीं है। विपक्षी एकजुटता भी नहीं है। ऐसे में भाजपा के लिए स्थितियां बेहतर हैं। 2014 की मोदी लहर के सवाल पर इस नेता ने कहा कि लहर तो चुनाव के दिनों में ही दिखती है। अभी चुनाव दूर हैं और भाजपा की कोशिश पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतने की है।