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कूटनीति: बिम्सटेक के बहाने पाकिस्तान फिर अलग-थलग होगा

नेपाल में इस महीने के अंत में प्रस्तावित बिम्सटेक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे। सम्मेलन 30 व 31 अगस्त को होने की संभावना है। पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद यह पहला मौका हो सकता है...

कूटनीति: बिम्सटेक के बहाने पाकिस्तान फिर अलग-थलग होगा
नई दिल्ली। विशेष संवाददाताFri, 10 Aug 2018 06:37 AM
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नेपाल में इस महीने के अंत में प्रस्तावित बिम्सटेक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे। सम्मेलन 30 व 31 अगस्त को होने की संभावना है। पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद यह पहला मौका हो सकता है जब सार्क के सभी देश बिम्सटेक सदस्य होने के नाते मिलेंगे लेकिन पाकिस्तान नदारद होगा। हालांकि भारत का कहना है कि सम्मेलन का ऐलान होना बाकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जाना उसके बाद ही तय होगा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि पीएम का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन रद्द होने के बाद से बिम्सटेक की अहमियत काफी बढ़ गई है। कूटनीतिक जानकार इसे सार्क विकल्प के रूप में भी देखते रहे हैं। इसमें पाकिस्तान को छोड़कर बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और थाईलैंड और म्यांमार शामिल हैं।

हालांकि सार्क और बिम्सटेक दोनों के विस्तार को लेकर भी चर्चाएं होती रही हैं। पाकिस्तान की कोशिश रही है कि चीन को पर्यवेक्षक देश के रूप में जगह मिले। पिछले दरवाजे से पाकिस्तान यह कोशिश करता रहा है कि दक्षिण एशिया में भारत का प्रभाव कम करने के लिए चीन का दखल बढ़े। नेपाल में ओली सरकार के चीन के प्रति झुकाव के मद्देनजर इसी तरह की आशंका बिम्सटेक के लिहाज से भी कूटनीतिक जानकार जताते रहे हैं। 

माना जा रहा है कि नेपाल में प्रस्तावित सम्मेलन दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के अलावा बिम्सटेक में शामिल दक्षिण एशिया व दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से काफी बेहत होंगे। भारत ने सार्क को लेकर अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है। कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद नई सरकार के रुख से ही दोनों देशों के आपसी रिश्ते और सार्क के बारे में कुछ कहा जा सकता है।

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