मेघालय बीजेपी में मतभेद तेज, तनाव में राज्य की गठबंधन सरकार
मेघालय में सत्तारूढ़ गठबंधन में सहयोगी रही भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख अर्नेस्ट मावरी के खिलाफ पार्टी के दो विधायक बगावत करते नजर आ रहे हैं। इससे राज्य में भाजपा को बड़ा झटका लगा है और...
मेघालय में सत्तारूढ़ गठबंधन में सहयोगी रही भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख अर्नेस्ट मावरी के खिलाफ पार्टी के दो विधायक बगावत करते नजर आ रहे हैं। इससे राज्य में भाजपा को बड़ा झटका लगा है और राज्य में गठबंधन की सरकार तनाव की स्थिति में है।
साउथ शिलॉन्ग के बीजेपी विधायक सैंबोर शुल्लाई, जिन्होंने एक बार नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ भी हंगामा किया था। इसके अलावा उन्होंने एक सार्वजनिक बैठक में भी यहां तक कहा था कि मेघालय में भगवा पार्टी एक डूबता हुआ जहाज है।
इसके अलावा भाजपा की राज्य इकाई भी सत्तारूढ़ पार्टी मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस (एमडीए) से आपस में भिड़ चुकी है, जिसमें मावरी के साथ शासन में विसंगतियों और यहां तक कि सरकार के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल हैं, जिसने इस गठबंधन को और तनावपूर्ण बना दिया था।
वहीं, बीजेपी संसदीय दल के नेता और स्वास्थ्य मंत्री एएल हेक ने स्वीकार किया कि नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में मावरी के बार-बार लगाए आरोपों से उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के साथ चर्चा हुई थी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भाजपा में कई लोगों ने व्यक्तिगत रूप से कहा है कि वे चाहते हैं, मावरी को राज्य भाजपा अध्यक्ष के पद से हटा दिया जाए।
हेक ने कहा, "लोग राज्य के अध्यक्ष की कार्यशैली से खुश नहीं हैं, लेकिन यह उनकी व्यक्तिगत राय है और इसलिए मावरी को हटाने के लिए हमें एक पार्टी के रूप में बैठना होगा और सामूहिक निर्णय लेना होगा। हालांकि सीएम ने कहा कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली से खुश नहीं हैं और उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं से इस बारे में चर्चा भी की थी। मैं इससे इनकार नहीं करूंगा।" हेक ने महसूस किया कि राज्य अध्यक्ष के लिए एमडीए सरकार विशेषकर सीएम और उनके परिवार पर हमला करते रहना गलत था।
नाम न बताने की शर्त पर सरकारी अधिकारियों ने कहा मावरी से नाखुश मुख्यमंत्री संगमा ने भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की थी कि मावरी और उनके कामकाज के तरीके से मेघालय में लगभग आधे भाजपा नेता उन्हें को पद से हटाने के पक्ष में हैं।
संगमा ने कहा, "मैंने भाजपा के दोनों विधायकों (एएल हेक और सैंबोर औरलाई) से बात की है और दोनों ने उन टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है जो मावरी ने की है। दोनों विधायकों ने मुझे बताया कि वे राज्य भाजपा के अध्यक्ष के रूप में अर्नेस्ट मावरी को हटाने के पक्ष में हैं।”
वहीं मावरी ने यह कहते हुए पलटवार किया कि एनपीपी के प्रमुख संगमा को भाजपा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। मावरी ने कहा, “मैं बहुत हैरान हूं। कॉनराड संगमा हमारी पार्टी के प्रवक्ता कब बने? जबकि वह तो एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और दावा कर रहे हैं कि भाजपा के आधे से अधिक कार्यकर्ताओं ने उनसे मुझे निष्कासित करने के बारे में बात की है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि मैं जिन मुद्दों को उठा रहा हूं, उससे सीएम घबरा गए थे। अगर वह कहते हैं कि वह साफ है, तो उन्हें सबूत के साथ आने दीजिए। संगमा के डिप्टी प्रिस्टोन ताइन्सॉन्ग भी लड़ाई में शामिल हुए और भाजपा को गठबंधन से बाहर निकालने की धमकी भी दी।
ताइन्सॉन्ग कहा, ''भाजपा सरकार की आलोचना करने के बजाय समर्थन वापस लेकर अपनी बातों को और ज्यादा जोरदार रुप में करें। क्या ये लोग हंसी का पात्र नहीं बन रहे हैं? एक तरफ वे कहते हैं कि एमडीए दूषित है और दूसरी ओर कहते हैं कि वह इस सरकार के एक भागीदार भी हैं। क्या यह तर्कसंगत है?
हेक ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन का वापस लेना है या नहीं, यह तय करना पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व का काम है।