महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: देवेंद्र फडनवीस ने कहा साथ- चुनाव लड़ेंगे बीजेपी- शिवसेना, सीटों के बंटवारे पर जल्द होगा फैसला
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने साफ किया है कि बीजेपी और शिवसेना विधानसभा चुनाव साथ ही लड़ेंगे। वहीं उन्होंने इस खबर को नकारा है कि सीटों के बंटवारे में बीजेपी को 162 और शिवसेना 126...
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने साफ किया है कि बीजेपी और शिवसेना विधानसभा चुनाव साथ ही लड़ेंगे। वहीं उन्होंने इस खबर को नकारा है कि सीटों के बंटवारे में बीजेपी को 162 और शिवसेना 126 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा चल रही है और जल्द ही प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इसकी घोषणा कर दी जाएगी। फडनवीस ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कई खास मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार का राजनीतिक करियर समाप्त हो चुका है उन्होंने कई पार्टियां तोड़ी मरोड़ीं। समय का खेल देखिए कि अब उनके साथ भी वैसा ही हो रहा है।
गौरतलब है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा था कि अगले महीने होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव शिवसेना-भाजपा मिलकर लड़ेंगे और सीट बंटवारे के फार्मूले को अगले दो दिन में घोषित कर दिया जाएगा। अगले महीने होने वाले चुनाव के मद्देनजर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में ठाकरे ने कहा, लोकसभा चुनाव के दौरान फार्मूला तय हुआ था, जब दोनों पार्टियों ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था। उद्धव ने कहा, 'यह मीडिया है जो दोनों दलों के 135-135 सीटों पर चुनाव लड़ने की रिपोर्ट प्रसारित कर रहा है।'
इस बैठक से पहले शिवसेना सचिव अनिल देसाई ने कहा कि 22 सितंबर को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मुंबई दौरे के दिन या उससे पहले गठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में शिवसेना के 126 सीटों पर और भाजपा के 162 सीटों पर लड़ने संबंधी रिपोर्ट पर देसाई ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे पर फैसला ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस करेंगे। दूसरी ओर शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री दिवाकर रावटे ने हाल में कहा था कि अगर शिवसेना को 50 फीसदीं सीटें नहीं मिली तो गठबंधन टूट जाएगा।
इसके अलावा कुछ दिन पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था, '' भाजपा को 50-50 के फार्मूले का सम्मान करना चाहिए जो शाह और फडणवीस की उपस्थिति में तय किया गया था। उल्लेखनीय है कि सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण शिवसेना 2014 में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ी थी। इसके बाद अक्टूबर में भाजपा ने सरकार बनाई और शिवसेना उसी साल उसमें शामिल हुई।