वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती के गहराते संकेतों से दुनिया भर के केंद्रीय बैंक ब्याज दर में लगातार कमी ला रहे हैं ताकि लोगों को सस्ता कर्ज मिले और वे घर-वाहन और अन्य निजी जरूरतों को पूरा करें। लेकिन डेनमार्क के एक बैंक ने तो नकारात्मक ब्याज दर पर घर खरीद के लिए कर्ज देने का प्रस्ताव ग्राहकों
को दिया है।
जिस्के बैंक ने की पेशकश : डेनमार्क के तीसरे सबसे बड़े बैंक जिस्के बैंक ने कहा है कि वह दस साल की अवधि के लिए -0.5 फीसदी की दर पर कर्ज देगा। इसका मतलब है कि ग्राहक घर के लिए जितना कर्ज लेंगे, उन्हें वह पूरी रकम भी वापस नहीं करनी होगी। यानी अगर आपने दस लाख रुपये का कर्ज लिया है तो आपको 9 लाख 95 हजार रुपये वापस करने होंगे।
70% बॉन्ड पर नकारात्मक रिटर्न जापान और यूरोजोन में
-0.5 फीसदी लागू होगी कर्ज पर डेनमार्क के जिस्के बैंक में
04 देशों के केंद्रीय बैंक और यूरोजोन में ब्याज दर शून्य से नीचे
स्कैंडेनेविया के नार्डिया बैंक में शून्य ब्याज दर
स्कैंडेनेविया का सबसे बड़ा बैंक नार्डिया बैंक शून्य प्रतिशत के ब्याज पर 20 साल की अवधि के लिए कर्ज देगी। कुछ डेनिश बैंक भी शून्य ब्याज पर कर्ज दे रहे हैं। नार्डिया की गृह वित्त शाखा के विश्लेषक निटॉफ्ट बर्गमैन ने कहा कि उधार लेना इससे सस्ता कभी नहीं रहा, वित्तीय बाजारों में अस्थिरता है। अमेरिका-चीन के व्यापार युद्ध, ब्रेग्जिट, ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों का असर गहरा प्रभाव डाल रहा है। यूरोपीय अर्थव्यवस्था का इंजन जर्मनी भी डगमगा रहा है। बैंक मानने लगे हैं कि कर्ज डूबने से अच्छा है कि कुछ नुकसान के साथ कारोबार हो।
अमेरिका में भी मांग उठी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कह दिया है कि उनके देश को भी शून्य ब्याज पर कर्ज देने की जरूरत है। ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट किया कि फेडरल रिजर्व को ब्याज दर शून्य या उससे कम स्तर पर लाया जाए।
क्या है नकारात्मक ब्याज
दुनिया भर के बैंक अपने केंद्रीय बैंक के पास पूंजी रखकर ब्याज कमाते हैं। वे खुदरा कर्ज से भी कमाई करते हैं। केंद्रीय बैंक नकारात्मक ब्याज दर अपनाता है तो बैंक पूंजी जमा रखने की बजाय ज्यादा कर्ज बांटेंगे।
यहां ऋणात्मक ब्याज दर
डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, जापान और स्वीडन के केंद्रीय बैंकों और यूरोजोन ने अर्थव्यवस्था में गिरावट रोकने को ब्याज दरों को शून्य से नीचे कर दिया है। इससे बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास रखने पर उल्टे ब्याज देना होगा।
ग्राहकों को नुकसान भी
ग्राहकों को शून्य या ऋणात्मक ब्याज दरों का नुकसान भी है। शून्य या नकारात्मक ब्याज दर से ग्राहकों को बिना ब्याज का कर्ज तो मिल रहा है, लेकिन बैंक उन्हें खाते में जमा रकम पर कोई ब्याज भी नहीं दे रहे हैं।