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दिल्ली हिंसा: सोनिया गांधी ने मांगा गृह मंत्री का इस्तीफा, बोलीं- 72 घंटों से पैरालाइज है दिल्ली पुलिस

दिल्ली में जारी हिंसा को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को  केंद्र दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है और राजधानी में शांति बहाली में असफल होने की बात कही। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद कांग्रेस...

दिल्ली हिंसा: सोनिया गांधी ने मांगा गृह मंत्री का इस्तीफा, बोलीं- 72 घंटों से पैरालाइज है दिल्ली पुलिस
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्लीWed, 26 Feb 2020 01:52 PM
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दिल्ली में जारी हिंसा को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को  केंद्र दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है और राजधानी में शांति बहाली में असफल होने की बात कही। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री इसकी जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दें। उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली में पुलिस के असफल होने पर पैरामिलिटरी फोर्स क्यों नहीं बुलाई गई? दिल्ली के मुख्यमंत्री क्या कर रहे थे? बीजेपी नेता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई? दंगे वाले इलाके में कितनी पुलिस फोर्स लगाई गई? इतवार से गृह मंत्री क्या कर रहे थे और कहां थे?

बुधवार को यहां सीडब्लूसी की एक बैठक हुई जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद के हालात पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। इस बीच, पार्टी ने आज ही दोपहर बाद ''शांति मार्च'' निकालने का फैसला किया है जिसमें कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है। सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल और कई अन्य नेता शामिल हुए।सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई है। 

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में मुख्य रूप दिल्ली हिंसा पर चर्चा हुई और जल्द ही एक प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है। दिल्ली में लगातार बढ़ते हुए सामाजिक तनाव को देखते हुए कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता दोपहर बाद पार्टी मुख्यालय, 24 अकबर रोड से गांधी स्मृति, 30 जनवरी मार्ग तक साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए 'शांति मार्च निकालेंगे। इसमें कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है।

गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया। इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए।

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