Delhi HC: पीओके पर अब्दुल्ला की टिप्पणी के खिलाफ फैसला देने से इनकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ कावार्ई की मांग करने वाली जनहित याचिका पर फैसला देने...
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ कावार्ई की मांग करने वाली जनहित याचिका पर फैसला देने से आज इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने अब्दुल्ला के खिलाफ कावार्ई की मांग करने वाली याचिका दायर करने वाले से इस मामले में केन्द्र के पास जाने को कहा, केन्द्र से इस पर विचार करने को कहा है।
अब्दुल्ला की गिरफ्तारी की मांग
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायूमर्ति सी़ हरी शंकर की पीठ ने याचिकाकतार् से कहा कि वह संबंधित मंत्रालय से संपर्क करे जो इसपर फैसला लेगा। दिल्ली के मौलाना अंसार रजा की ओर से दायर याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी। स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले रजा ने अपनी याचिका में कहा है कि श्रीनगर से सांसद ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और भारत का अपमान किया है, इसलिए तुरंत जांच करके उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
क्या कहा था अब्दुल्ला ने
अब्दुल्ला ने कुछ दिनों पहले एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने चूडि़यां नहीं पहन रखी हैं और उसके पास भी परमाणु बम है, वह भारत को जम्मू-कश्मीर के अपने कब्जे वाले हिस्से पर नियंत्रण नहीं करने देगा। बता दें कि पिछले हफ्ते फारूक ने कहा था कि पीओके पाकिस्तान का है। उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में पार्टी कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा था कि हम कब तक कहते रहेंगे कि पीओके हमारा हिस्सा है, यह (पीओके) उनके बाप की जागीर नहीं है। पीओके पाकिस्तान में है और यह (जम्मू-कश्मीर) भारत में है। उन्होंने कहा था कि 70 साल हो गए लेकिन वे (भारत) इसे (पीओके) हासिल नहीं कर सके।