‘सेक्रेड गेम्स’ सेफ, कोर्ट ने कहा- आपत्ति नहीं होनी चाहिए, अभिव्यक्ति की अनुमति है
इंटरनेट मीडिया नेटफ्लिक्स की वेबसीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ के कुछ दृश्यों के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि इससे किसी को आपत्ति नहीं होनी...
इंटरनेट मीडिया नेटफ्लिक्स की वेबसीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ के कुछ दृश्यों के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि इससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंदर शेखर की पीठ ने कहा कि आलोचना और असंतोष की अभिव्यक्ति की अनुमति है और वह किसी के अधिकार को कम नहीं करना चाहते। याचिका में दावा किया गया था कि कार्यक्रम में कुछ दृश्य पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का अपमान करते हैं और इन्हें हटाया जाना चाहिए।
इस पर नेटफ्लिक्स की ओर से पेश वकील ने बताया कि उन्होंने सीरीज के चौथे एपिसोड में अंग्रेजी में दिए उपनामों में एक शब्द को खुद बदल दिया है, जो कथित तौर पर अपमानजनक था।
इस पर पीठ ने कहा कि बदले हुए शब्द की क्लिपिंग अदालत में जमा कराई जाए। अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए छह अगस्त की तारीख तय की है।
अदालत वकील निखिल भल्ला की याचिका पर सुनवाई कर रही है। वकील शशांक गर्ग द्वारा दायर याचिका में दलील दी गई है कि सैफ अली खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत कार्यक्रम में ‘बोफोर्स मामला, शाह बानो मामला, बाबरी मस्जिद मामला और सांप्रदायिक दंगे’ जैसी देश की ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से दिखाया गया है।
इस पर अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह निजी क्षति हो सकती है, ना कि सार्वजनिक क्षति। हम किसी के अधिकार को रोकना या कम करना नहीं चाहते। हम तभी आदेश देते हैं, जब हमें लगता है कि कोई उल्लंघन हुआ है।
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