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दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। इस अध्यादेश में तीन बार तलाक बोलकर पत्नी को तलाक देने पर तीन साल की जेल या जुमार्ना का प्रावधान है। दिल्ली...

दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका
नई दिल्ली। एजेंसीFri, 28 Sep 2018 02:42 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। इस अध्यादेश में तीन बार तलाक बोलकर पत्नी को तलाक देने पर तीन साल की जेल या जुमार्ना का प्रावधान है। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव ने कहा कि तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किया जा चुका है और अब इस मुद्दे पर फैसला करना सरकार के पाले में है। 

अदालत वकील शाहिद आजाद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया, अध्यादेश मनमाना और अनावश्यक है और एक कठोर, अमानवीय, अनुचित और अस्पष्ट कानून को अस्तित्व में लाता है जो अध्यादेश के जरिए संसद के सम्मान और जिन लोगों का विश्वास भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान में निहित है उनके सम्मान में कमी को दशार्ता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह अध्यादेश को मंजूरी दी थी। 

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 19 सितम्बर को इस बाबत अध्यादेश जारी किया था, जिसे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी थी और गजट में प्रकाशित होने के साथ ही वह उसी दिन से अमल में आ गया। इस अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाया है और इसके तहत तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। तीन तलाक से संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन राज्यसभा में यह अटक गया था। इसके मद्देनजर सरकार यह अध्यादेश लायी है। 

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