केजरीवाल कैबिनेट में नहीं होगा कोई बदलाव, पुराने मंत्री ही लेंगे शपथ
दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही आम आदमी पार्टी सरकार के नए मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं होगा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पुराने मंत्री ही नई सरकार में भी...
दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही आम आदमी पार्टी सरकार के नए मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं होगा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पुराने मंत्री ही नई सरकार में भी मंत्री बनेंगे।
न्यूज एजेंसी के अनुसार, 'दिल्ली के सभी मंत्री नई सरकार में मंत्री पद की शपथ लेंगे।' हालांकि, किस मंत्री को कौन सा मंत्रालय मिलेगा, इसका बंटवारा बाद में होगा। आप के सभी कैबिनेट मंत्री जीतने में कामयाब रहे हैं। इससे पहले अटकलें थी कि आप की नई सरकार के मंत्रिमंडल में राघव चड्ढा, आतिशी जैसे कई युवा चेहरों को मौका मिल सकता है।
Sources: All Delhi ministers to again take oath as ministers in the new term.Portfolio allocation to be done later pic.twitter.com/nyQ6nizDdL
— ANI (@ANI) February 12, 2020
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने बंपर जीत हासिल की है। मंगलवार को आए नतीजों में आम आदमी पार्टी ने पचास फीसदी से ज्यादा वोट लेकर 62 सीटों पर जीत हासिल की है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों की संख्या तीन से बढ़कर आठ हो गई है। कांग्रेस पिछली बार की तरह अपना खाता नहीं खोल पाई है। कांग्रेस के 63 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है।
केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे
शीला दीक्षित के बाद अरविंद केजरीवाल ऐसे दूसरे नेता होंगे, जो तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शीला दीक्षित 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। उन्हें 2013 में हराकर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता संभाली थी। इसके बाद उन्होंने 67 सीट जीतकर 2015 में दोबारा सीएम पद की शपथ ली थी। अब वह तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
भाजपा निराश, कांग्रेस का सूपड़ा साफ
जीत का दावा कर रहे भाजपा नेता परिणाम के बाद निराश दिखाई दिए। पार्टी के मात्र आठ उम्मीदवार ही चुनाव जीत पाए। भाजपा को दावे के अनुरूप परिणाम तो नहीं मिले, लेकिन इस बार उसका मत प्रतिशत बढ़ा है। दूसरी ओर, इस चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस का मत प्रतिशत 4.26 प्रतिशत रहा। पिछले चुनाव के मुकाबले इसमें पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। कांग्रेस के 66 प्रत्याशियों में से सिर्फ तीन की जमानत बच सकी। दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का यह सबसे खराब प्रदर्शन है।