CAT: दिल्ली की छवि गुप्ता पहली बार में ही टॉप 20 में शामिल
भारतीय प्रबंधन संस्थानों (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) में दाखिले के लिए छात्र कई साल पहले से इसकी कॉमन मिनिमम टेस्ट (कैट) की तैयारियों में लग जाते हैं। लेकिन, दिल्ली की रहनेवाली छवि गुप्ता...
भारतीय प्रबंधन संस्थानों (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) में दाखिले के लिए छात्र कई साल पहले से इसकी कॉमन मिनिमम टेस्ट (कैट) की तैयारियों में लग जाते हैं। लेकिन, दिल्ली की रहनेवाली छवि गुप्ता ना सिर्फ नौकरी करते हुए पहली बार कैट में पास हुईं हैं बल्कि 100 पर्सेंटाइल के साथ टॉप 20 में भी आ गईं हैं।
हालांकि, कैट- 2017 की परीक्षा के दौरान भी 20 छात्र 100 पर्सेंटाइल थे। लेकिन इस बार की खास बात ये रही कि दो महिला और तीन नॉन इंजीनियरिंग छात्रों ने इसमें अपनी जगह बनायी है।
24 वर्षीय छवि बायो-टेक्नॉलोजी में दिल्ली के आईआईटी से बी.टेक और एम. टेक कर चुकी हैं और अब उम्मीद है कि उन्हें आईआईएम अहमदाबाद या फिर कलकत्ता में दाखिला मिलेगा। वह ये जानती है कि कई लड़कियां ये जगह हासिल नहीं कर सकती हैं, लेकिन छवि ये भी मानती हैं कि समाज के लिए अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत हैं।
तीन भाईयों में सबसे बड़ी छवि ने कहा- “अगर लड़के पढ़ते हैं तो हमने अपने आसपास के संबंधियों में यह देखा है कि उन्हें कोई डिस्टर्ब नहीं करते हैं। लेकिन, एक लड़की अगर पढ़ाई कर रही है तो उसे घर के अन्य कामों में लगाया जाता है। कई लोगों में अपनी बेटी को लेकर उनके माता-पिता की प्राथमिकताएं ये होती है कि ग्रेजुएशन के बाद उनकी बेटी की शादी हो जाए। यही वजह है कि कई लड़कियां पोस्ट ग्रेजुएट स्तर की प्रवेश परीक्षा तक पहुंच ही नहीं पाती हैं। लेकिन, मेरे परिवार ने 100 फीसदी मेरा समर्थन किया।”
टेक्नॉलोजी एंड एनलिस्टिक्स फर्म में फुल टाइम नौकरी करते हुए छवि को वीक डेज में प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिलता था। लेकिन, वह अपनी पढ़ाई वीकेंड में करती थी और कोचिंग क्लास में उसी दिन करती थी। समय की बेहद कमी के बावजूद स्टडी के शेड्यूल में रणनीति, अपना मनोबल बनाए रखना और मॉक टेस्ट के अभ्यास ने उन्हें इस परीक्षा में सफल बनाने में काफी मदद की।
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