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रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट से चीनी घुसपैठ की पुष्टि करने वाले दस्तावेज हटाए, विपक्ष हुआ हमलावर

रक्षा मंत्रालय ने अपने एक आंतरिक दस्तावेज में माना था कि चीनी सेना ने लद्दाख में कई क्षेत्रों में घुसपैठ की थी, लेकिन जैसे ही इसकी खबर मीडिया में आई इसे मंत्रालय की वेबसाइट से हटा दिया गया। मंत्रालय...

रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट से चीनी घुसपैठ की पुष्टि करने वाले दस्तावेज हटाए, विपक्ष हुआ हमलावर
हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 07 Aug 2020 06:56 AM
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रक्षा मंत्रालय ने अपने एक आंतरिक दस्तावेज में माना था कि चीनी सेना ने लद्दाख में कई क्षेत्रों में घुसपैठ की थी, लेकिन जैसे ही इसकी खबर मीडिया में आई इसे मंत्रालय की वेबसाइट से हटा दिया गया। मंत्रालय हर महीने की गतिविधियों को लेकर एक ब्योरा जारी करता है। जून महीने की प्रमुख गतिविधियों को लेकर चार अगस्त को मंत्रालय की वेबसाइट पर यह दस्तावेज अपलोड किया गया। इसमें एलएसी पर चीन की आक्रामकता के शीर्षक से एक अध्याय शामिल था। इस दस्तावेज को सामाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट भी किया है। इसमें कहा गया है कि एलएसी पर चीनी सेना की आक्रामकता 5 मई के बाद से बढ़ी है। 

दरअसल, 17-18 मई को चीन की तरफ से कुंगरांग नाला, गोगरा और पेंगोंग त्सो के उत्तरी हिस्से में घुसपैठ की गई। इसी दस्तावेज में गलवान घाटी हिंसा और सैन्य वार्ताओं का भी जिक्र है। इसमें गतिरोध के जारी रहने की आशंका व्यक्त की गई है। 

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इस बीच गुरुवार को इस दस्तावेज के हवाले से मीडिया के एक हिस्से में खबर प्रकाशित होने के बाद रक्षा मंत्रालय ने तुरंत दस्तावेज को वेबसाइट से हटा दिया। इसके पीछे कुछ अन्य कारण बताए गए हैं। मंत्रालय मामले की आंतरिक जांच भी कर रहा है। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि घुसपैठ से तात्पर्य भारतीय सीमा में घुसपैठ से नहीं है। 

इस मसले पर राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा है। राहुल गांधी ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि हमें यह भूल जाना चाहिए कि हम चीन के सामने खड़े हो सकते हैं। राहुल ने ट्विटर पर एक खबर साझा की है। इस खबर में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट से चीन के अतिक्रमण की बात कबूलने वाले दस्तावेज को वेबसाइट से हटा दिया है। इस दस्तावेज को रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया था। इसमें कहा गया था कि लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ी हैं।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये कहा कि 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई, रक्षा मंत्रालय के कागजात में ये भी कहा गया कि एलएसी पर गतिरोध लंबे समय तक बने रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए- रक्षा मंत्रालय के कागजात सही हैं या प्रधानमंत्री का बयान। माकन ने इसकी भी जानकारी मांगी कि कागजात को वेबसाइट से क्यों हटाया गया।

संसद सत्र बुलाने की मांग 
अजय माकन ने सरकार से संसद सत्र बुलाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सत्र में चीन से जारी गतिरोध, कोरोना महामारी और मंदी पर चर्चा होनी चाहिए। इसके साथ उन्होंने सरकार से सीमा पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने का रोड मैप बताने की भी मांग की। सरकार बताए कि हालात से निपटने के लिए उसकी क्या रणनीति है।

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