मॉस्को में नहीं होगी राजनाथ सिंह की चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात, चीनी वेबसाइट फैला रही है प्रोपेगेंडा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बुधवार (24 जून) को चीन के रक्षा मंत्री से बैठक करने की संभावना नहीं है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार (23 जून) को इस बाबत लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया है। दरअसल, चीन के...
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बुधवार (24 जून) को चीन के रक्षा मंत्री से बैठक करने की संभावना नहीं है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार (23 जून) को इस बाबत लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया है। दरअसल, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को ट्विट कर कहा था कि चीन के रक्षा मंत्री सिंह के साथ बैठक कर सकते हैं।
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन के रक्षा मंत्री वई फेंगी बुधवार को रुस में द्वितीय विश्व युद्ध विजय दिवस परेड में शामिल हो रहे हैं। अखबार ने संभावना जताई कि उनकी सीमा विवाद के मुद्दे पर भारत के रक्षा मंत्री से बैठक हो सकती है। इस खबर के आते ही रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ किया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के रक्षा मंत्री के साथ बैठक नहीं करेंगे।
चीनी न्यूज वेबसाइट ने यह प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की है कि वहीं राजनाथ सिंह के साथ उनकी मुलाकात हो सकती है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मॉस्को में दोनों देश के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात की कोई योजना नहीं है। इसे महज चीनी वेबसाइड की प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश करार दिया गया है।
Defence Minister Rajnath Singh will not be meeting his Chinese counterpart in Moscow as suggested by some Chinese propaganda websites. pic.twitter.com/iHwRcq3yZ5
— ANI (@ANI) June 23, 2020
इससे पहले ग्लोबल टाइम्स ने बताया था, 'मॉस्को में दोनों देशों के रक्षा मंत्री के मुलाकात की भी संभावना है। अगर दोनों रक्षा मंत्रियों की मुलाकात होती है तो लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच जारी पर तनाव पर भी बात होगी।' ग्लोबल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले बताया है कि चीन के रक्षा मंत्री भी बुधवार को ही परेड में शामिल होंगे। राजनाथ सिंह भी इसी दिन परेड में शामिल हो रहे हैं।
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (23 जून) को कहा कि भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी करते हैं। रक्षा संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा कि रूस और भारत ने अपने रक्षा सहयोग की समीक्षा की और इसके विस्तार के तरीकों पर चर्चा की। दोनों देश कम समय में रक्षा सौदे पूरा करने के लिए तैयार हैं।
रक्षा मंत्री ने रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मेरी चर्चा बहुत सकारात्मक और सफल थी। मुझे आश्वासन दिया गया है कि चल रहे अनुबंधों को बनाए रखा जाएगा और न केवल बनाए रखा जाएगा, बल्कि कई मामलों में कम समय में आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे सभी प्रस्तावों को रूसी पक्ष से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर डिलीवरी के संकेत पर उन्होंने कहा कि मैं अपनी चर्चाओं से पूरी तरह संतुष्ट हूं। भारत ने रूस के साथ अक्तूबर 2018 में एस -400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए पांच बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस अमेरिका ने ऐतराज भी जताया था।