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जिंदा नहीं यहां मुर्दों की भी दुर्गति, इन दो घटनाओं से दहल जाएगा आपका दिल

उत्तर प्रदेश के बहराइच और आगरा में शवों की दुर्गति का मामला सामने आया है। बहराइच में जहां एक शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया लेकिन डॉक्टर ही नहीं पहुंचे जिसके चलते शव आठ घंटे तक बारिश में सड़क पर...

 जिंदा नहीं यहां मुर्दों की भी दुर्गति, इन दो घटनाओं से दहल जाएगा आपका दिल
बहराइच आगरा। हिन्दुस्तान संवादWed, 10 Jul 2019 12:34 PM
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उत्तर प्रदेश के बहराइच और आगरा में शवों की दुर्गति का मामला सामने आया है। बहराइच में जहां एक शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया लेकिन डॉक्टर ही नहीं पहुंचे जिसके चलते शव आठ घंटे तक बारिश में सड़क पर पड़े भीगता रहा। वहीं हरियाणा से मंगलवार तड़के आगरा के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजनों ने जब शव देखा तो चीख पड़े। क्‍योंकि शव एक कोने में पड़ा था और उसमें से दुर्गंध आ रही थी। 

आठ घंटे तक लाश भीगती रही, नहीं पहुंचे डॉक्टर
मंगलवार सुबह आठ बजे पोस्टमार्टम के लिए आई एक लाश आठ घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बारिश में सड़क पर पड़ी भीगती रही। लाश के साथ आए परिजन भी लाश की दुर्दशा पर आंसू बहा रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। देर शाम सीएमओ के हस्तक्षेप से शव का पोस्टमार्टम हुआ। रामगांव थाना क्षेत्र के नतहा नाला निवासी रवीन्द्र कुमार पाल की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। पुलिस ने उसकी लाश सुबह आठ बजे बहराइच पोस्टमार्टम हाउस भेज दी। यहां ताला बंद होने के कारण लाश सड़क पर रख दी गई। 

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इस दौरान हो रही बारिश के कारण लाश भीग रही थी। अपरान्ह दो बजे तक डाक्टर को पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन चार बजे तक कोई डाक्टर नहीं पहुंचा। इसी बीच कहीं से मीडिया कर्मियों को इसकी जानकारी मिली तो वह मौके पर पहुंचे। वहां परिजनों ने बताया कि उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस बारे में जब सीएमओ से मीडिया कर्मियों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि लाश अन्दर रखवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस में लाश रखने की व्यवस्था  है। लाश बाहर ही क्यों पड़ी रही, इस सवाल का जवाब सीमएओ टाल गए। देर शाम सीएमओ के हस्तक्षेप से लाश का पोस्टमार्टम कराया गया। तब परिजन लाश लेकर घर गए। पोस्टमार्टम वाले डॉक्टर की इस संवेदनहीनता पर जिसने भी देखा उसने दुख जताया।   

बेटे के शव की दुर्दशा देख बिलख पड़े परिजन

हरियाणा से मंगलवार तड़के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजनों ने जब शव देखा तो चीख पड़े। शव एक कोने में पड़ा था। दुर्गंध आ रही थी। परिजनों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की। कुरुक्षेत्र हरियाणा निवासी 34 वर्षीय प्रेमचंद पुत्र स्व. राम कुमार कोटेक महिंद्रा बैंक में नौकरी करते थे। पांच दिन पहले बैंक के काम से लखनऊ गए थे। वहां से बस से लौट रहे थे। परिजनों ने जब कॉल की तो मोबाइल बंद गया। सोमवार शाम स्थानीय पुलिस घर  पहुंची और हादसे की जानकारी दी। बताया कि प्रेमचंद की हालत गंभीर है। 

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कुरुक्षेत्र से प्रेमचंद के भाई हरविंदर व देवेंद्र व अन्य परिजन मंगलवार तड़के चार बजे पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। परिजन पोस्टमार्टम हाउस के अंदर गए। वहां चारों तरफ देखने पर शव नहीं दिखा। फिर एक कोने में शव दिखा। पास जाकर देखा तो वह प्रेम चंद का शव था। शव देखकर भाई चीख पड़े। शव के नीचे बर्फ नहीं थी। शव फूला हुआ था। तेज दुर्गंध भी आ रही थी। शव की दुर्दशा देख परिजनों ने सीधे जिलाधिकारी को कॉल कर शिकायत की। तब चिकित्सा विभाग के कर्मचारी पहुंचे। शव का पोस्टमार्टम किया गया। सुबह परिजन शव लेकर कुरुक्षेत्र निकल गए। परिजनों ने बताया कि प्रेमचंद की शादी को चार साल हुए हैं। पति की मौत से पत्नी आरती का रो-रो कर बुरा हाल है। उसके एक बेटा है। शव को ले जाने के लिए मथुरा से एंबुलेंस मंगवाई गई थी।

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