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दरियागंज हिंसा मामले में चंद्रशेखर आजाद को मिली जमानत, रखी ये शर्त

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दे दी। उन पर 20 दिसंबर को जामा मस्जिद में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र...

  दरियागंज हिंसा मामले में चंद्रशेखर आजाद को मिली जमानत, रखी ये शर्त
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 15 Jan 2020 05:49 PM
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दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दे दी। उन पर 20 दिसंबर को जामा मस्जिद में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने आजाद को कुछ शर्तों के साथ राहत दी। 

आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे। आजाद के संगठन ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 20 दिसंबर को पुलिस की इजाजत के बिना ही जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक विरोध मार्च का आह्वान किया था। इस मामले में गिरफ्तार किये गए 15 अन्य लोगों को नौ जनवरी को अदालत ने जमानत दे दी थी। 

चंद्रशेखर की जमानत का क्यों किया विरोध
चंद्रशेखर की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पब्लिक प्रोसिक्यूटर की तरफ से जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी गई थी कि उसने सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए हिंसा भड़काई थी, लेकिन तीस हजारी सेशन कोर्ट की जज कामिनी लौ ने कहा कि इसमें उसके खिलाफ कोई हिंसा की बात नहीं है।

लौ ने सवाल उठाया कि क्या प्रदर्शन और धरना गलत है। इसके साथ ही, उन्होंने पब्लिक प्रॉसिक्यूटर को यह याद दिलाया था कि प्रदर्शन एक संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने यहां तक पूछा कि उन्होंने संविधान को पढ़ा होगा। जज ने पब्लिक प्रसिक्यूटर से कहा- “आप ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान में है। अगर यह पाकिस्तान में होता तो आप वहां जाकर प्रदर्शन कर सकते थे। पाकिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा था।

आपको बता उन्हें अदालत द्वारा एम्स, दिल्ली में चिँकित्सा उपचार प्राप्त करने की अनुमति दी गई है क्योंकि वह पॉलीसिथेमिया से पीड़ित हैं। आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में आजाद के खिलाफ धारा 147 (दंगा करने की धारा), 148 (दंगाई, एक घातक हथियार से लैस), 149, 186, 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

इससे पहले कोर्ट ने चंद्रशेखर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए तिहाड़ जेल अधिकारियों को चंद्रशेखर आज़ाद को तत्काल चिकित्सा उपचार देने का निर्देश दिया है। चंद्रशेखर के वकील ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने मुव्वकिल को जल्द चिकित्सा उपचार देने की मांग की थी। 

क्या है पॉलीसिथिमिया बीमारी जिसमें खून गाढ़ा हो जाता है

पॉलीसिथिमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें खून गाढ़ा हो जाता है। इस बीमारी में रक्त कोशिकाओं में असामान्य बढ़ोतरी होती है। पॉलीसिथिमिया वेरा में स्ट्रोक, हार्ट अटैक आदि का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी मुख्य रूप से दो तरीके की होती है। एक पॉलीसिथिमिया वेरा और दूसरा है माध्यमिक पॉलीसिथिमिया।

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