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गोरखालैंड की मांग: दार्जिलिंग में तनाव बरकरार, GJM ने कार्यकर्ता के शव के साथ रैली निकाली

दार्जिलिंग में रविवार को आज भी तनाव से घिरा रहा जहां हजारों प्रदर्शनकारी जीजेएम के एक कार्यकर्ता के शव को लेकर चौकबाजार में जमा हुए और उन्होंने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर नारेबाजी की। पुलिस...

गोरखालैंड की मांग: दार्जिलिंग में तनाव बरकरार, GJM ने कार्यकर्ता के शव के साथ रैली निकाली
दार्जिलिंग कोलकाता, एजेंसीSun, 18 Jun 2017 03:06 PM
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दार्जिलिंग में रविवार को आज भी तनाव से घिरा रहा जहां हजारों प्रदर्शनकारी जीजेएम के एक कार्यकर्ता के शव को लेकर चौकबाजार में जमा हुए और उन्होंने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर नारेबाजी की। पुलिस के साथ संर्ष में जीजेएम कार्यकर्ता मारा गया था।

वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हिंसा से कभी हल नहीं निकलेगा। आपसी बातचीत से मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं। मैंने ममता बनर्जी से बात की, उन्होंने कहा है कि दार्जिलिंग में हालात सुधर रहे हैं। अपील है कि लोग हिंसा का सहारा न लें। GJM चीफ, बिमल गुरुंग ने कहा है कि अगर पुलिस हमें रोकेगी तो हम आंदोलन जारी रखेंगे। हम और दिक्कतें पैदा करेंगे। सरकार ने शनिवार को हुई हिंसक घटनाओं को देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच शनिवार को हुई झड़पों के बाद पश्चिम बंगाल के इस पर्वतीय जिले में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। शहर के बीचोंबीच स्थित चौकबाजार में प्रदर्शनकारी काले झंडे और तिरंगा लेकर एकीकृत हुए। उन्होंने नारेबाजी की और दार्जिलिंग से तत्काल पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों को हटाने की मांग की।

दार्जिलिंग से जीजेएम के विधायक अमर राय ने कहा, हमारा मानना है कि बातचीत के लिहाज से सकारात्मक माहौल बनाने के लिए दार्जिलिंग से पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को तत्काल हटाया जाना चाहिए। सरकार को हमें शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन करने देना चाहिए।

जीजेएम ने दावा किया है कि पुलिस ने शनिवार को सिंगमारी में उनके दो समर्थकों की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने अपने कर्मियों द्वारा गोलीबारी करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि झड़प के दौरान एक व्यक्ति की मौत हुई है।

दार्जिलिंग में कुछ साल के अंतराल के बाद बीते आठ जून को फिर से हिंसक प्रदर्शनों की शुरुआत हुई और तब से मौत का यह पहला मामला है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा था कि दार्जिलिंग में चल रहे आंदोलन में गहरी साजिश है और इसे पूर्वोत्तर और कुछ अन्य देशों के विद्रोही समूहों का समर्थन प्राप्त है।

जीजेएम ने ममता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह अस्मिता के लिए चल रही गोरखाओं की लड़ाई को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। शनिवार की हिंसा और आगजनी के बाद से पुलिस हाई अलर्ट पर है और उसने सेना के साथ मिलकर पर्वतीय क्षेत्र के कई इलाकों में मार्च किया। पुलिस ने सरकारी और जीटीए के कायार्लयों के बाहर तथा पहाडि़यों में आने और निकलने के विभिन्न स्थानों पर चौकियां एवं अवरोधक लगाए हैं । बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है।
 


शाह बोले, ममता को हर चीज में दिखता है षडयंत्र

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर आंदोलन को प्रोत्साहित करने के आरोप लगाए और दावा किया कि इसमें गहरा षडयंत्र है। बहरहाल हिंसक आंदोलन के लिए उन्होंने भाजपा पर सीधे आरोप नहीं लगाए और दावा किया कि इसे पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूहों और दूसरे देशों से समर्थन मिल रहा है। उनके बयान पर भाजपा प्रमुख अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें हर चीज में षडयंत्र दिखता है। शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ममता को हर चीज में षडयंत्र दिखता है। उन्होंने भारतीय सेना के खिलाफ भी ऐसे ही आरोप लगाए थे। 

राजनाथ ने ममता से बात की

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन किया और वहां की स्थिति को लेकर उनसे चर्चा की। टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को पर्वतीय जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने और स्थिति सामान्य करने को लेकर राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। सिंह ने ममता से हरसंभव कदम उठाने को कहा ताकि  हिल स्टेशन पर शांति बहाल की जा सके जहां लोग स्कूलों में बंगाली भाषा को अनिवार्य कर उसे थोपे जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

जीजेएम ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बात करने से किया इंकार 

जीजेएम ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी तरह की बात करने से इंकार किया लेकिन कहा कि वह केंद्र में भाजपा नीत सरकार के साथ बात करने को लेकर सहज है। भाजपा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की सहयोगी है और पार्टी के सांसद एस एस अहलुवालिया जीजेएम की मदद से 2014 का लोकसभा चुनाव जीते थे।  जीजेएम के नेता बिनय तमांग ने कहा, हम पश्चिम बंगाल सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार नहीं है। ममता बनर्जी ने हमारा अपमान किया है उन्होंने हमें आतंकवादी कहा है।
 

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