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गैर-पोलियो वायरस से भी विकलांगता का खतरा

भले ही हमारा देश पोलियो वायरस से मुक्त हो चुका है, लेकिन हमारे बच्चों पर विकलांगता का खतरा अब भी मंडरा रहा है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि गैर-पोलियो एंट्रोवायरस के कारण भी कई बच्चों में पोलिया के...

गैर-पोलियो वायरस से भी विकलांगता का खतरा
नई दिल्ली| स्कन्द विवेक धरMon, 11 Feb 2019 06:17 AM
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भले ही हमारा देश पोलियो वायरस से मुक्त हो चुका है, लेकिन हमारे बच्चों पर विकलांगता का खतरा अब भी मंडरा रहा है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि गैर-पोलियो एंट्रोवायरस के कारण भी कई बच्चों में पोलिया के समान विकलांगता पनप रही है। यह अध्ययन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैश्विक पोलियो उन्मूलन अभियान के तहत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और संजय गांधी पीजीआई के शोधकर्ताओं ने  किया है।   

अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 1988 से डब्ल्यूएचओ की ओर से शुरू हुए वैश्विक प्रयासों और भारत के पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की बदौलत वाइल्ड पोलियो वायरस भारत से विलुप्त हो गया। यह वायरस ही घातक शिथिल अंगाघात (एक्यूट फ्लैकिड पैरालिसिस या एएफपी) सबसे बड़ा कारण हुआ करता था। 

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हालांकि पोलियो वायरस के विलुप्त हो जाने के बाद भी किसी जमाने में पोलियो प्रभावित रहे क्षेत्रों में अब भी एएफपी न्यूरोमोटर विकलांगता के मुख्य कारक के तौर पर बरकरार है। खास तौर पर मध्य उत्तर प्रदेश और बिहार में एएफपी का प्रकोप ज्यादा है। 

अध्ययन में जनवरी 2010 से अक्तूबर 2011 तक एएफपी के सामने आए कुल 1,839 मामलों को शामिल किया गया। इनकी जांच से पता चला कि 1,839 में से 359 मरीजों में एएफपी का कारण गैर-पोलियो एंट्रोवायरस है। इनमें सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में पाए गए। इसके अलावा हरदोई, खेरी, लखनऊ, उन्नाव, कन्नौज और रायबरेली समेत उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में ऐसे मामले पाए गए। 

अध्ययन में यह भी पाया गया कि गैर-पोलियो एंट्रोवायरस की वजह से होने वाली विकलांगता कम उम्र के बालकों में अधिक होती है। मानसून के समय गैर-पोलियो एंट्रोवायरस की सक्रियता बढ़ जाती है। 

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दीर्घकालिक रणनीति की जरूरत
शोधकर्ताओं ने अपनी अनुशंसा में कहा कि पोलियामुक्त युग में गैर-पोलियो एंट्रोवायरस से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए नीति निर्माताओं को एक दीर्घकालिक रणनीति बनाने की जरूरत है। अन्यथा पोलियो से मुक्ति मिलने के बाद भी हमारे बच्चों को विकलांगता से मुक्ति नहीं मिलेगी।

एंट्रोवायरस क्या है 
एंट्रोवायरस एक प्रकार के छोटे वायरस होते हैं जो रीबोन्यूक्लीक एसिड (आएनए) और प्रोटीन से मिलकर बनते है। ये दर्जनों प्रकार के होते हैं। एंट्रोवायरस पेट के रास्ते शरीर में प्रवेश करते हैं और तंत्रिका तंत्र पर हमला करते हैं।

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