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लोकसभा अध्यक्ष के लिए दलित व महिला समीकरणों पर विचार

मंत्रिपरिषद में सामाजिक व क्षेत्रीय समीकरणों के संतुलन के बाद अब नए लोकसभा अध्यक्ष के जरिए भाजपा राजनीतिक समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी। यह पद दलित वर्ग से आने वाले किसी नेता, महिला या अल्संख्यक...

 लोकसभा अध्यक्ष के लिए दलित व महिला समीकरणों पर विचार
नई दिल्ली। रामनारायण श्रीवास्तव Sun, 02 Jun 2019 09:56 AM
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मंत्रिपरिषद में सामाजिक व क्षेत्रीय समीकरणों के संतुलन के बाद अब नए लोकसभा अध्यक्ष के जरिए भाजपा राजनीतिक समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी। यह पद दलित वर्ग से आने वाले किसी नेता, महिला या अल्संख्यक को दिया जा सकता है। लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद मेनका गांधी हैं, जबकि वीरेंद्र कुमार सात बार, एसएस अहलूवालिया, जिगजिगानी रमेश चंद्रप्पा, राधामोहन सिंह छह-छह बार के सांसद होने से वरिष्ठता में आगे हैं। 

लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 19 जून को होगा। भाजपा और राजग का विशाल बहुमत होने से नए अध्यक्ष का निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय माना जा रहा है। इस पद के लिए मेनका गांधी और एसएस अहलूवालिया का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। आठ बार की लोकसभा सांसद मेनका गांधी को केंद्र सरकार में शामिल नहीं किया गया है। मेनका के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ेगी, जबकि अहलूवालिया वरिष्ठता के साथ संसदीय मामलों के गहरे जानकार हैं। अहलूवालिया अल्पसंख्यक सिख सुमदाय से आते हैं। पश्चिम बंगाल से सांसद होने से भाजपा को इस राज्य में भी लाभ मिलेगा।

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दलित वर्ग को भी दिया जा सकता है संदेश 
दलित वर्ग से आने वाले मध्य प्रदेश के वीरेंद्र कुमार सात बार के सांसद हैं, जबकि कर्नाटक से आने वाले रमेश जिगजिगानी छह बार के सांसद हैं। जिगजिगानी इसके पहले कर्नाटक में विधानसभा सदस्य भी रह चुके है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह भी छह बार के सांसद हैं। लोकसभा में भारी बहुमत होने से सरकार को ज्यादा चिंता नहीं है। इसलिए वह अपनी रणनीति के हिसाब से ही नाम तय करेगी। आमतौर पर राजनीतिक हिसाब से त्रिशंकु सदन में स्पीकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। 

उपाध्यक्ष के लिए महताब के नाम की चर्चा 
लोकसभा अध्यक्ष के बाद सदन में उपाध्यक्ष पद का चुनाव होगा। आमतौर पर यह पद विपक्ष के पास जाता है। कांग्रेस के लगातार दूसरी बार प्रमुख विपक्ष का दर्जा हासिल करने के लिए जरूरी सांसद न जुटा पाने के कारण यह पद एक बार फिर किसी और विपक्षी दल के पास जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बार इसके लिए बीजद को वरीयता दे सकती है। बीजद से संसदीय मामलों के जानकार व वरिष्ठ सांसद भतृहरि महताब का नाम इसके लिए चर्चा में है। गौरतलब है कि बीती लोकसभा में अन्नाद्रमुक को यह पद दिया गया था। 

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